
सूरत : प्रोसेसिंग मिलों में महीने भर के वैकेशन की आशंका से श्रमिकों के पलायन का डर
By Loktej
On
व्यापारी और प्रोसेसर्स के बीच बैठक कर निवारण लाने की फोगवा की अपील
कच्चे माल सहित कोयले के दामों में बढ़ोत्तरी के कारण प्रोसेसिंग मिलें चलाना मुश्किल हो गया है। एक माह के लिए डाईंग प्रोसेसिंग इकाईयां बंद रखने की घोषणा से चिंता का माहौल है। अगर ऐसा होगा तो उद्योग से जुड़े श्रमिक वतन चले जाएंगे और इंडस्ट्री पर बुरा असर पड़ेगा। प्रोसेसिंग इकाईयां बंद रखने की बात तो हो रही है, लेकिन इससे टेक्सटाइल इंडस्ट्री पर क्या असर पड़ेगा? इसके बारे में उद्योग में चर्चा हो रही है। यदि ऐसा होता है तो टेक्सटाइल उद्योग की चेन पर असर पड़ेगा।
मिलों मेंं लंबे अवकाश के कारण नया माल नहीं आएगा और तैयार माल की डिलीवरी भी नवंबर माह के दौरान अटक जाएगी। ऐसे में कपड़ा बाजार से जुड़े श्रमिक बेरोजगार हो जाएंगे। श्रमिक एक माह तक बेरोजगार रहना पसंद नहीं करेंगे। सूरत में रोजाना खर्च और रूम का किराया भरना मुश्किल हो जाएगा। जिससे वे वतन की राह पकड़ सकते हैं। फिर उन्हें वापस लाने के लिए गाड़ी या स्पेशल वाहनों की व्यवस्था करने की नौबत आ सकती है, जैसा भूतकाल में प्रशासन और व्यापार-राजनीतिक अग्रणियों को करना पड़ा। कलर सहित कच्चे माल के दामों में बढ़ोत्तरी से जॉब चार्ज में वृद्धि उचित है, लेकिन एक माह के लिए मिले बंद या अवकाश रखना उद्योग के हित में नहीं है।
फोगवा ने व्यापारी और प्रोसेसर्स के बीच बैठक कर समस्या का निवारण लाने की अपील की है। फोगवा ने कहा कि पिछले चार सालों से टेक्सटाइल उद्योग बुरे दौर से गुजर रहा है। अब धीरे-धीरे गाड़ी पटरी पर आ रही है, ऐसे में टेक्सटाइल चेन पर इसका असर पड़ेगा। व्यापारी और प्रोसेसर्स के बीच बैठक कर इस समस्या का निवारण लाना चाहिए।
Tags: