सूरत को मेगा टेक्सटाइल पार्क मिलेगा!

सूरत को मेगा टेक्सटाइल पार्क मिलेगा!

टेक्सटाइल की इको सिस्टम हो उसी जगह पार्क बनाने की मांग स्वीकारने पर सूरत को लाभ

कैबिनेट की बैठक में प्रोडक्ट लिक्ड इन्सेन्टीव (पीएलआई) योजना को गत माह मंजूरी मिलने के बाद टेक्सटाइल उद्योग के लिए मेगा इन्वेस्टमेंट टेक्सटाइल पार्क (मित्रा) को मंजूरी दी गई है। 4445 करोड़ रूपये लागत से 3 वर्ष में 7 पार्क देश में साकार करने की घोषणा हुई। सूरत में आए केंद्रीय कपड़ा मंत्री को टेक्सटाइल की इको सिस्टम जहां हो वहां ही पार्क को मंजूरी देने की द सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एन्ड इंडस्ट्रीज द्वारा की गई मांग को स्वीकार कर योजना के मुख्य शर्त के तौरपर जारी की गई है। जिसका सूरत को बड़ा लाभ मिलेगा।
पॉलिएस्टर कपड़ा उत्पादन में भारत का मान्येस्टर सूरत के उद्यमी और औद्योगिक संस्थाओं द्वारा एक लंबे समय से सूरत में टेक्सटाइल पार्क साकार हो इसलिए केंद्र और राज्य सरकार तक पेशकश की गई। इस वर्ष घोषित केंद्रीय बजट में देश में 7 टेक्सटाइल पार्क बनाने घोषणा हुई थी। जिसके कारण बुधवार को कैबिनेट की बैठक में मित्रा योजना को मंजूरी दी गई। जिसकी गाइडलाइन आगामी दिनों में जारी की जाएगी। पार्क 1 हजार से ज्यादा एकड़ जगह में तैयार करने आवेदन करना होगा। इस संदर्भ स्थानीय उद्यमियों का कहना है कि टेक्सटाइल पार्क की पहले की योजना में जितनी स्पष्टता नहीं हुई थी, उतनी स्पष्टता इस बार देश में बनने वाले 7 पार्क के लिए की गई है। जिसमें ग्रीन और ब्राउन फिल्ड प्रोजेक्ट यानिक कि हाल और नए इकाईयों के लिए 500 और 200 करोड़ तक के इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिट जारी करके योजना के तहत डेवलोपमेंट के लिए मदद की जाएगी।
साथ ही कुल जगह में 50 फीसदी प्रोजेक्ट मेन्युफेक्चरिंग एक्टिीविटी, 20 फीसदी पावर, वॉटर, जेडएलडी प्लांट, 5 फीसदी लॉजिस्टिक, 19 फीसदी होटेल्स और 10 फीसदी हाउसिंग वर्कर और हेल्थकेयर फेसिलिटी के लिए रखना होगा। उल्लेखनीय है कि कुछ समय पूर्व सूरत आए केंद्रीय कपड़ा मंत्री ने सूरत के बाहर पार्क के लिए जगह खोजने का उद्यमियों को सुझाव दिया था।
चैंबर प्रमुख आशिष गुजराती ने बताया कि अभी तक गुजरात में से धोलेरा सर, दहेज के अलावा तमिलनाडू, पंजाब, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, आसाम, कर्नाटक से पार्क के लिए आवेदन आए है। चैंबर द्वारा मंत्री गोयल को जहां कपड़े की पूरी इको सिस्टम हो यानि फाइबर से फेब्रिक बनता हो वहां पार्क देने की मांग की थी। इस मांग को मुख्य शर्त बनाने से सूरत को पार्क मिलने की संभावना प्रबल हुई है।

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