सूरत : आयती पीएसवाय पर ड्यूटी लागू करने के प्रकरण में विजिलेन्स जांच की मांग

सूरत : आयती पीएसवाय पर ड्यूटी लागू करने के प्रकरण में विजिलेन्स जांच की मांग

आयातीत पोलियेस्टर स्पन यार्न(पीएसवाय) पर एंटी डंपिंग ड्यूटी(एडीडी) लागू करने के डीजीटीआर के अंतिम निष्कर्ष को स्थगित करने की मांग वीवर्स ने की है

वाणिज्य मंत्रालय में ज्ञापन देकर वीवर्स ने की अंतिम निष्कर्ष को स्थगित करने की अपील
आयातीत पोलियेस्टर स्पन यार्न(पीएसवाय) पर एंटी डंपिंग ड्यूटी(एडीडी) लागू करने के डीजीटीआर के अंतिम निष्कर्ष को स्थगित करने की मांग वीवर्स ने की है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय को प्रस्तुत किए ज्ञापन में वीवर्स ने कहा कि इस प्रकरण में डीजीटीआर के निष्कर्ष एक तरफा एवं संदहनीय है। इस मामले में विजिलेन्स जांच करने एवं जांच पूर्ण होने तक अंतिम निष्कर्ष को स्थगित करने की अपील की गई है।
पीएसवाय का उपयोग करने वाले वीवर्स इस ड्यूटी लगने के प्रस्ताव का विरोध कर रहे है। इससे पहले स्थानीय वीवींग संगठनों ने एमएमएफ टेक्सटाईल वीवींग इंडस्ट्री के लिए यह ड्यूटी नुकसानकारक होने एवं इससे निर्यात कारोबार पर विपरीत असर होने की बात कहकर इस ड्यूटी को लागू नहीं करने की अपील की थी। उनका कहना है कि ड्यूटी के प्रस्ताव के बीच ही स्थानीय स्तर पर पोलियेस्टर यार्न के दाम में बढ़ोतरी हुई है। वाणिज्य मंत्रालय में प्रस्तुत ज्ञापन में वीवर्स ने बताया कि सूरत में हजारों की संख्या में पावरलूम मशीन पर पीएसवाय यार्न का उपयोग करके शान्तुन, टॉपडाइड क्वॉलिटी साड़ी, रेमन्ड कॉटन, स्कूल यूनिफार्म इत्यादि का उत्पादन करते है। इसकी बिक्री करके वे अपने परिवार एंव बड़ी संख्या में कारीगरों का निर्वाह कर रहे है। यदि आयातीत यार्न पर एडीडी लागू हुई तो यार्न के दाम में और बढ़ोतरी होने की आशंका है। उन्होंने पोलियेस्टर स्पन यार्न के कुल उपभोग के संदर्भ में प्रस्तुत आंकड़ों में बताया कि वर्ष 2017-18 एंव 2018-19 के दौरान आयाती यार्न का हिस्सा करीब 12 प्रतिशत जितना है। कानून के अनुसार यार्न पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी तभी लगाई जा सकती है जब वर्ष के दौरान यार्न की आयात 20 से अधिक हो। घरेलू स्तर पर स्पिनर्स को कारोबार में कोई नुकसान नहीं है।
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