नायलॉन ग्रे विवर की दयनीय हालत, 15 दिनों का रख सकते है वेकेशन

नायलॉन ग्रे विवर की दयनीय हालत, 15 दिनों का रख सकते है वेकेशन

दुपट्टा आइटम ज्यादातर नायलॉन में बनाया जाता है

नायलॉन ग्रे उत्पादकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यार्न की कीमत में पिछले दो माह से वृद्धि होने के कारण  लागत से कम कीमत पर बेचना पड़ रहा है। कठिन परिस्थिति से बाहर निकलने के लिए व्यक्तिगत रूप से 15 दिनों का वेकेशन रखने की तैयारी चल रही है।
नायलॉन ग्रे उत्पादकों के लिए त्योहारी सीजन के बावजूद मांग में कमी और यार्न की बढ़ती कीमतों ने हालत बिगाड़ दी है। दुपट्टा आइटम ज्यादातर नायलॉन में बनाया जाता है। सचिन के वीवर मयूरभाई ने कहा कि सोफिया, चिनोन, पश्मीना, कस्तूरी और सेमी- तीसतीस गुणवत्ता वाले यार्न को लागत से कम कीमत पर बेचना पड़ रहा है।
अभी मार्केट में डिमांड नहीं है। पिछले दो महीनों में यार्न की कीमत में 50 रुपये की वृद्धि के बाद विभिन्न गुणवत्ता की लागत 12.50 से 15.50 पैसे है।  जिनके पास पुरानी कीमत का यार्न पड़ा है, वे वैसे भी काम कर रहे हैं। लेकिन नई कीमत के मुताबिक  ग्रे को 2 से 2.50 पैसे कम कीमत पर बेचना पड़ रहा है।
नायलॉन ग्रे उत्पादक इस समय सबसे खराब परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। हालांकि, इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए व्यक्तिगत आधार पर दिवाली की छुट्टी को 15 दिनों तक रखने की कवायद भी शुरू कर दी है। यदि वेकेशन प्रारंभ होता है तो कितने सदस्य सहयोग करने को तैयार हैं? इसके बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे है।
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