जानें आखिर क्यों सूरत के डायमंड बुर्स में से गायब है 13वां माला

हीरा बाजार से जुड़े लोग मानते है 13 नंबर को काफी अशुभ

भारत में और दुनिया भर में 13 नंबर को काफी अनलकी माना जाता है। रियल्टी मार्केट में भी नंबर 13 को अमान्य रखा गया है। क्योंकि डेवलपर्स और प्रॉपर्टी खरीदने वाले कोई भी 13 नंबर की प्रॉपर्टी नहीं खरीदते। सूरत में भी इस तरह के नंबर गेम को काफी महत्व दिया जाता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण एशिया के सबसे बड़े डायमंड बुर्स में देखने मिला है। जहां 12वें माले के बाद 13वां माला गायब कर सीधा 14वां माला रखा गया है। इस तरह 15 माले का यह टावर अब सीधे 16 मालों का बन गया है। 
खजोद में बन रहे डायमंड रिसर्च एंड मर्कंटाइल (ड्रीम) सिटी में ग्राउंड सहित 15 माले में बने डायमंड बुर्स में सभी बिल्डिंग में 12वां माला छोड़ दिया गया है। जिसके चलते सभी 15 मालों की बिल्डिंग अब 16 मालों की बन गई है। सभी आयोजकों ने ख़रीदारों की सुविधा के लिए 13 नंबर को छोड़ दिया गया है। SDB डायमंड बुर्स लिमिटेड के प्रवक्ता मथुर सवानी ने इस बारे में बताया की सभी की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 13 नंबर को काफी अशुभ माना गया है। इसलिए उन्होंने यह निर्णय लिया है। 
उनका कहना है की हीरा बाजार से जुड़े लोग अंधश्रद्धा में काफी मानते है। ऐसे में वह 13 नंबर को काफी अशुभ मानते है। यही नहीं इस बारे में उनका इतना विश्वास है की वह महीने के 13वें दिन कोई बड़ा सौदा भी नहीं करते। ऐसा कई हाइराइज़ बिल्डिंग में भी होता है। इस बारे में वेसु शहर में एक रियल्टी ग्रुप के प्रवक्ता ने बताया की उन्होंने भी अपनी बिल्डिंगों में 13वें माल को 14वें फ्लोर के नाम से अंकित किया है। इससे वह अपनी व्यापक संस्कृति और नियमों को भी अपना पाते है।
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