सूरत : पीओपी की दशामा की मूर्तियों को लोगों ने चोरी-छिपे नहर में किया विसर्जित, श्रद्धालुओं में रोष

सूरत : पीओपी की दशामा की मूर्तियों को लोगों ने चोरी-छिपे नहर में किया विसर्जित,  श्रद्धालुओं में रोष

सार्वजनिक रूप से मूर्ति विसर्जन न हो इसके लिए बंदोबस्त होने के बावजूद कुछ लोगों ने नियम तोड़े

दस दिन की पूजा के बाद  मंगलवार देर रात्रि दशामा की मूर्ति का विसर्जन किया गया। हालांकि, पुलिस आयुक्त ने इससे पहले पीओपी की प्रतिमा नहीं  स्थापित करने  की अधिसूचना जारी की थी। साथ ही स्पष्ट निर्देश दिया था कि तापी नदी, तालाबों,  नहरों या कैनाल में किसी भी पीओपी या मिट्टी की मूर्ति का विसर्जन नहीं किया जाएगा। बावजूद इसके लोगों ने नहरों में मूर्तियों को विसर्जित किया। जो पुलिस आयुक्त की घोषणा का उल्लंघन है। साथ ही नहरों में मूर्तियों के तैरते दिखाई देने पर  श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई। 
डिंडोली थाने की सीमा के भीतर दशामा की मूर्तियां तालाबों और नहरों में पड़ी मिली हैं।  डिंडोली इलाके में ऐसे दृश्य दिखाई देने पर उट रहे सवाल। पुलिस आयुक्त द्वारा शहर की तालाबों  के आसपास तापी नदी के किनारे पुलिस बंदोबस्त की व्यवस्था की गई थी। ताकि कोई दशमाता की पीओपी मूर्तियों को विसर्जित न कर सके। दशमाता के भक्तों को पहले ही घर के प्रांगण में उनकी मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए कहा गया था। लेकिन कई लोग अपने घरों में स्थापित दशामाता की मूर्तियों को चोरी-छिपे  नहरों में विसर्जित कर भाग निकले।
पीओपी की प्रतिमाएं और तापी नदी में विसर्जित न करने का आदेश दिया गया था। नही में हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए स्पष्ट सूचना दी गई थी कि पीओपी की मूर्तियां स्थापित न करें। इस आदेश के बावजूद  अकेले डिंडोली क्षेत्र में डेढ़ सौ प्रतिमाएं मिली हैं। छोटी-छोटी मूर्तियों को अपने-अपने घरों में विसर्जित करने  की घोषणा के बावजूद लोगों ने नहरों में विसर्जित किया।  
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