सूरत में हीरा कारोबार को सुगम बनाने के प्रयास, हीरा नीलामी घर का हुआ उध्घाटन

सूरत में हीरा कारोबार को सुगम बनाने के प्रयास,  हीरा नीलामी घर का हुआ उध्घाटन

जीजेईपीसी गुजरात के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिनेश नावडिया ने कहा कि भारत का अपनी तरह का पहला नीलामी घर सूरत में स्थापित किया गया है

नीलामी घर से हीरे के साथ-साथ हीरे-सोने के आभूषण भी खरीदे और बेचे जाएंगे
सूरत डायमंड बुर्स के लॉन्च के साथ स्थानीय हीरा उद्योगपति और प्रमुख संगठन पिछले डेढ़ साल से सूरत में खनन कंपनियों को कच्चे हीरे बेचने की कोशिश कर रहे हैं। कोरोना की स्थिति में सुधार के साथ ही सूरत में 18 अगस्त को खनन कंपनी द्वारा पहली बार कच्चे हीरे की नीलामी की जाएगी। जीजेईपीसी (जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल) द्वारा हीरे और आभूषणों की आसानी से नीलामी करने के लिए सोमवार को  एक नीलामी घर का उद्घाटन किया गया है।  डायमंड ऑक्शन हाउस 4 रुपये की अनुमानित लागत से  अलथाण-वेसू रोड पर स्थित टाइटेनियम स्कवेर में बनाया गया है। 2200 वर्ग फिट में तैयार ओक्सशन हाऊस कार्यरत करने के लिए जनवरी में जीजेईपीसी के चेअरमेन ने घोषणा की थी जिसका उद्घाटन आज सोमवार को जीजेईपीसी के अध्यक्ष कॉलिन शाह ने किया।
इस संबंध में जीजेईपीसी गुजरात के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिनेश नावडिया ने कहा कि भारत का अपनी तरह का पहला नीलामी घर सूरत में स्थापित किया गया है। जहां रफ या पॉलिश्ड डायमंड के साथ-साथ डायमंड-गोल्ड ज्वैलरी, गोल्ड-सिल्वर को सूरत या देश की कंपनियों सहित अंतरराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है। डायमंड को इच्छापुर में स्थित जीजेईपीसी के डायट्रेड सेंटर में देखा जा सकता है। नीलामी हॉल में कुल 15 केबिन स्थापित किए गए हैं, जो आज से चालू है, जिसमें 11 देखने वाले केबिन हैं।  मुंबई में नीलामी के लिए आरबीआई द्वारा अनुमोदित स्थानों में हीरों को प्रदर्शित करना पड़ता है। यहां सिर्फ सूरत ही नहीं बल्कि देश-विदेश से रत्न और आभूषण से जुड़ी सभी नीलामी कर सकेंगे। 
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