सूरत : इच्छापुर पुल पर 143 टन का बॉयलर 450 टन क्रेन से 15 दिन में उतारा गया, पुल की नींव हिल गई

सूरत :  इच्छापुर पुल पर 143 टन का बॉयलर 450 टन क्रेन से 15 दिन में उतारा गया, पुल की नींव हिल गई

पिछले 15 दिनों से बंद पुल को मरम्मत के बाद वाहनों के आवागमन के लिए फिर से खोल दिया जाएगा

शहर के इच्छापुर ब्रिज पर 15 दिन पूर्व 143 टन क्षमता का रिफाइनरी पार्ट बॉयलर ले जा रहा कंटेनर पलट गया था। इस घटना के बाद पुल की नींव भी हिल गई थी। भारी वजन के कारण बॉयलर को हटाने में 15 दिन का समय लगा। बड़ा सवाल यह था कि कंपनी द्वारा इतने बड़े रिफाइनरी पार्ट को कैसे हटाया जाए। अंतत: 450 टन क्रेन की मदद से इसे वहां से उतारा गया।
विशाल बॉयलर को हटाने के लिए एक बहुत बड़ी क्रेन का उपयोग करना आवश्यक था, लेकिन साथ ही साथ इस बात का विशेष ध्यान रखना भी एक बड़ी चुनौती थी कि पुल को कोई नुकसान न हो और किसी प्रकार का कोई हताहत न हो। बॉयलर को हटाने से पहले सभी प्रकार के ऑपरेशन पूरे कर लिए गए थे। रिफाइनरी के पुर्जों को हटाने के लिए 430 टन क्रेन का आदेश दिया गया था। क्रेन के भार के कारण इसे पुल पर नहीं ले जाया जा सका। ताकि पुल के नीचे व्यवस्था की जा सके। पिछले चार दिनों से विशेषज्ञों की टीम द्वारा क्रेन की व्यवस्था का काम शुरू किया गया था।
पूरी प्रक्रिया की निगरानी हजीरा की एलएंडटी कंपनी और हाईवे अथॉरिटी के अधिकारियों ने की।  उनके द्वारा मंगलवार को बॉयलर को सफलतापूर्वक उतारने का निर्णय लिया गया। कंटेनर के पलटने से पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया । बायलर हटने के बाद पुल की मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा। पुल को फिलहाल वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है। जिससे ट्रैफिक की समस्या बढ़ गई है। मरम्मत के बाद पुल को वाहनों के आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा।
इच्छापुर पुल पर 143 टन वजनी कंटेनर के पलट जाने से पुल को वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दिया गया था। विशाल कंटेनर के वजन से पुल की नींव हिल गई। इस पुल से 50 लाख रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। हजीरा की कंपनी को भी कंटेनर हटाने का नोटिस दिया गया था। वहीं एसवीएनआईटी के विशेषज्ञों का कहना है कि कंटेनर हटने के बाद पुल की मरम्मत करनी होगी इसलिए इसे शुरू होने में काफी समय लगेगा।
पुल डिजाइन विशेषज्ञ ने कहा कि पुल के स्लैब, बॉटम बीम, डामर रोड और डिवाइडर के क्षतिग्रस्त होने की आशंका है। बायलर पार्ट को हटाने के बाद ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुल का कितना हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। पुल की मरम्मत में एक माह से अधिक का समय लग सकता है।
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