सूरत में राज्य सरकार के जश्न के विरोध में कांग्रेस ने पैदल यात्रा आयोजित की

सूरत में राज्य सरकार के जश्न के विरोध में कांग्रेस ने पैदल यात्रा आयोजित की

सूरत में राज्य सरकार द्वारा पिछले सप्ताह पांच साल के विकास को दर्शाया गया जिसके विरोध में कांग्रेस ने पैदल यात्रा निकालकर विरोध प्रदर्शन किया।

कांग्रेस ने  कहा कि बीजेपी की गलत नीतियों ने लोगों की नाराजगी को बढ़ा दिया है
सूरत शहर जिला कांग्रेस ने सोमवार को राज्य सरकार द्वारा पिछले कुछ दिनों से पांच साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे कार्यक्रमों का विरोध किया। मक्काई ब्रिज स्वामी विवेकानंद सर्कल से जिला सेवा भवन तक पैदल  यात्रा का आयोजन किया गया। जिसमें कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता और ट्रेड यूनियन के लोग शामिल हुए। वहीं, कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा की गलत नीतियों के कारण ही आज लोग प्रताड़ित हो रहे हैं।
सरकार ने राज्य में और देश के भीतर बेरोजगारी की एक बड़ी समस्या का सर्जन किया है। ज्ञान दिवस मनाया लेकिन आज शिक्षा काफी हद तक लुप्त हो रही है। सरकार ने स्कूलों के निजीकरण के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोडी। कोरोना संक्रमण की आर्थिक तंगी के बावजूद स्कूल संचालकों ने अभिभावकों से आंखें मूंद ली हैं और फीस के लिए दबाव बढाया जा रहा है।  स्वास्थ्य क्षेत्र में भी निजी अस्पतालों ने कोरोना के दौरान मरीजों से लुट मचाने का भी आरोप लगाया। कांग्रेस नेता नैषध देसाई ने कहा, 'हम राज्य सरकार और केंद्र सरकार के हमलों के बीच गांधीजी को जिंदा रखने की कोशिश कर रहे हैं।  हम लाठी-डंडे - गोली खाकर भी नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ लड़ेंगे। देश और राज्य में मजदूरों और किसानों की दयनीय स्थिति है हम इसके खिलाफ आवाज उठाना जारी रखेंगे। किसान आज कर्ज में हैं, मजदूरों की स्थिति दयनीय हो गई है। आज किसान आत्महत्या कर रहे हैं। पंजाब से लेकर दिल्ली तक और गुजरात में भी किसान आंदोलन की गूंज सुनाई दे रही है। लेकिन यह सरकार मात्र उधोगपतियों के सहयोग से ही आगे बढ़ रही है।
मक्काईपुल से जिला कलेक्टर सेवासदन तक निकली क्रांति दिवस पदयात्रा में सूरत शहर कांग्रेस इंचार्ज अध्यक्ष नैषध देसाई, कृणाल सूर्यवंशी, सूरेश सोनवणे, धनसूख राजपूत, असलम सायकलवाला, रूषीन रायका, भद्रेश परमार, अशोक पिंपले, किरण रायका सहित कार्यकर्ता भारी संख्या में उपस्थित रहे। 
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