सूरत : शहर में आयोजित सरकार के अन्नोत्सव कार्यक्रम में 'आप' का विरोध

सूरत : शहर में आयोजित सरकार के अन्नोत्सव कार्यक्रम में  'आप' का विरोध

आम आदमी पार्टी ने सूरत में राज्य सरकार द्वारा आयोजित अन्नोत्सव कार्यक्रम का विरोध किया है, स्कूलों में इस प्रकार के आयोजनों से शिक्षा बाधित होने का आरोप।

भाजपा-'आप' पार्षदों के बीच शाब्दिक वाण चले, विपक्ष के नेता समेत आप नेता विरोध करने पहुंचे
आम आदमी पार्टी ने सूरत में सरकार के अन्नोत्सव कार्यक्रम का विरोध किया है। सत्ता का दुरुपयोग कर स्कूलों में उत्सव मनाया जा रहा है। आम आदमी पार्टी (आप) ने सरकार के अन्नोत्सव कार्यक्रम के दौरान मगोब के स्कूल नंबर 87 में विरोध प्रदर्शन किया। चूंकि भाजपा पार्षद वहां पर मौजूद थे इसलिए आप और भाजपा पार्षदों के बीच शाब्दिक खींचतान हुई। 
आम आदमी पार्टी ने कार्यक्रम के दौरान वहां  पर मौजुद भाजपा पार्षदों की वजह से स्कूल में शैक्षणिक कार्य बाधित हो रहा होने की बात भाजपा पार्षदों से कही। कार्यक्रम के दौरान शिक्षक भी अन्नोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए।  गैर शैक्षणिक कर्मचारी भी आयोजन में शामिल थे। बड़ी संख्या में लाभार्थियों को  स्कूल में एकत्रित किया गया था। लगभग 200 से अधिक लाभार्थियों को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए स्कूल में आमंत्रित किया गया था। 
भाजपा पार्षद मनीषा अहीर ने कहा कि आम आदमी पार्टी केवल विरोध कर रही है। गरीबों को खाना मुहैया कराने की सरकार की योजना का विरोध क्यों किया जा रहा है। ऐसे में लगता है कि गरीबों को अनाज देने वाली सरकार को आम आदमी पार्टी बर्दाश्त नहीं करती है। वे सिर्फ विरोध नीति के कारण गरीबों को लाभ से वंचित करने का विरोध करते दिख रहे हैं।    
निगम के विपक्षी के नेता धर्मेश भंडारी ने कहा कि शैक्षणिक कार्यों में हस्तक्षेप करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम की कोई आवश्यकता नहीं है। स्कूल में कार्यक्रम आयोजित होने पर स्कूल के शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को दो-तीन दिन पहले से तैयारी शुरू करने में लगा देते हैं। जिसका असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। धर्मेश भंडारी ने आगे कहा कि अगर गरीबों को फायदा पहुंचाने के लिए असली तोहफा है तो वे सस्ते भोजन की दुकानों से सीधे गरीबों तक खाना पहुंचाने की योजना क्यों नहीं बनाते। भाजपा कई लाभार्थियों को सस्ते भोजन की दुकानों में भी भोजन उपलब्ध कराने में विफल रही है। सत्ता का दुरुपयोग कर स्कूल में बड़ी संख्या में लाभार्थियों को इकट्ठा करने का कोई मतलब नहीं है। बीजेपी काम कम और दिखावे ज्यादा करने में यकीन रखती है।
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