सूरत : मानव जीवन में वृक्षों की महिमा अतुलनीय, पेड़ पृथ्वी का आभूषण एवं प्रकृति की सुंदरताः सूरजभाई वसावा

सूरत :  मानव जीवन में वृक्षों की महिमा अतुलनीय,  पेड़ पृथ्वी का आभूषण एवं  प्रकृति की सुंदरताः  सूरजभाई वसावा

विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस से तापी जिले के व्यारा पनियारी में मनरेगा योजना के तहत वानिकी अभियान का शुभारंभ

विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस पर, तापी जिले के व्यारा तालुका के पनियारी गांव से घनिष्ठ वनिकरण अभियान का शुभारंभ वृक्षारोपण के साथ  शुरू किया गया है। महात्मा गांधी नरेगा योजना एवं सामाजिक वनीकरण  विभाग के संयुक्त उपक्रम में 28 जुलाई से 4 अगस्त तक जिला की कुल 286 ग्राम पंचायत क्षेत्रों में  कुल 3 लाख पेड़ लगाने का वनीकरण अभियान चलाया गया है।
अभियान का उद्घाटन करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष  सूरजभाई वसावा ने कहा कि कोरोना महामारी में भी प्रदेश सरकार के सफल मार्गदर्शन में जिले में विकास कार्य निर्बाध रूप से चल रहे हैं। कोरोना महामारी के इस विकट समय में हम सभी पेड़ों के महत्व को समझते हैं। पेड़ पृथ्वी का गहना और प्रकृति की सुंदरता हैं। शिशु के पालने से लेकर मानव चीते तक, पेड़ किसी न किसी तरह से हमारे साथ रहते हैं यानी हमारे लिए उपयोगी होता है।  मानव जीवन में वृक्षों की महिमा अतुलनीय है। हमें वर्तमान प्रदूषित पर्यावरण को साफ करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए। आइए हम सब मिलकर तापी जिले को हरा-भरा बनाने के लिए इस सप्ताह 3 लाख पेड़ लगाने के लक्ष्य को प्राप्त करें।
उन्होंने जिला विकास अधिकारी द्वारा मनरेगा योजना के तहत तापी जिले को हरा-भरा बनाने और ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के शुभ उद्देश्य से शुरू किये गये वनरोपण अभियान की सराहना की। 
औषधीय, जड़ी-बूटी और धार्मिक वृक्षारोपण सहित मानसून के दौरान प्रकृति को पोषित करने का सर्वोत्तम समय
इस अवसर पर बोलते हुए, जिला कलेक्टर एचके वढवाणिया ने कहा कि पेड़ों का संरक्षण एक सामान्य बात है लेकिन यह वास्तव में पूरे ब्रह्मांड के पारिस्थितिकी तंत्र को बेहतर बनाने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण काम करता है। पृथ्वी के पर्यावरण में सुधार के अलावा मानव जीवन-जानवरों के रहने का स्थान और स्वच्छ-स्वस्थ वातावरण मिलता रहता है। हम सभी भाग्यशाली हैं कि तापी जिला प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है और यहां वृक्षारोपण के लिए काफी जगह है। फिर हम सभी अधिक से अधिक पौधे लगाने का संकल्प करें। उन्होंने कहा कि अपने घर के किसी भी शुभ अवसर पर सभी साथ मिलकर अपने आंगन, खेत,  गौचर और अन्य जगहों पर पेड़ लगाना चाहिए और बच्चों की तरह उनकी देखभाल करनी चाहिए। कलेक्टर ने कहा कि तापी जिले के 8 लाख लोग मात्र एक-एक ही पेड़ लगायें तो निकट भविष्य में जिले का कायाकल्प हो सकता है। उनके अनुसार, मानसून का मौसम औषधीय, धार्मिक पेड़ लगाने सहित प्रकृति का संवर्दन करने का  सबसे अच्छा समय है।
तापी जिले को हरा-भरा बनाने के लिए मनरेगा योजना सहित 12 परियोजनाओं के तहत 3 लाख पेड़ लगाए जाएंगे: डीडीओ डॉ. दिनेश कापड़िया
इस अवसर पर डीडीओ डॉ. दिनेश कुमार कापड़िया ने वनरोपण अभियान पर मार्गदर्शन देते हुए कहा कि जिले में मनरेगा योजना एवं सामाजिक वनिकी विभाग की सहायता से मियावाकी पद्धति से 30 परियोजनाएं, प्रखंड वृक्षारोपण-191, सीमा वृक्षारोपण-300, बागवानी-700, सरकारी परिसर-60, नर्सरी-5 सहित विविध  1294 परियोजनाओं के तहत अलग-अलग तरीकों से कुल 3 लाख पौध रोपित की जाएगी। इन पेड़ों की सुरक्षा की जिम्मेदारी विभाग की होगी। लगाए गए वृक्षों की चारों ओर घेराबंदी की जाएगी और ग्रामीणों को उपयोगी लकड़ी और फलदार  पेड़ों का अधिक से अधिक उपयोग किया जाएगा। उन्होंने ग्राम सखी मंडल की बहनों से जिला ग्रामीण विकास एजेंसी द्वारा प्रति सदस्य कम से कम 3 पेड़ लगाने का आग्रह किया।
कार्यक्रम की शुरुआत में जिला ग्रामीण विकास एजेंसी के निदेशक जे जे निनामा ने स्वागत भाषण दिया। जबकि उप जिला कार्यक्रम समन्वयक फाल्गुनी चौधरी ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। इस अवसर पर उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों ने पौधरोपण कर जिले को वन संपदा से समृद्ध बनाने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर उप वन संरक्षक आनंद कुमार, सामाजिक वनिकी विभाग सूरत के दिनेशभाई रबारी, जिला पंचायत कार्यकारी अध्यक्ष मोहनभाई कोंकणी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अर्जुनभाई चौधरी, पनियारी सरपंच जीतूभाई, टिचकपुरा सरपंच, अन्य गणमान्य व्यक्ति, वन विभाग तथा जिला ग्राम विकास एजेंसी के कर्मचारियों एवं ग्रामीण उपस्थित थे। 
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