सूरत : एनडीआरएफ की टीम सुसज्जित, बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में दे रहा सामुदायिक प्रशिक्षण

सूरत :  एनडीआरएफ की टीम सुसज्जित, बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में दे रहा सामुदायिक प्रशिक्षण

स्थानीय लोगों को शहर और जिले के विभिन्न तालुकों में जाकर प्रशिक्षित किया गया

मानसून की शुरुआत के साथ ही सूरत समेत पूरे दक्षिण गुजरात में बारिश का माहौल जम जाती है। बारिश के दिनों में भारी बारिश के कारण अक्सर बाढ़ जैसी स्थिति सर्जित हो जाती है। ऐसे समय में लोग अपना और अपने परिवार का बचाव कर सके इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण शुरू किया गया है। एनडीआरएफ सूरत शहर और जिले के विभिन्न तालुकों के गांवों में जाकर स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण दे रहा है।
एनडीआरएफ सूरत शहर के मगदल्ला, चोर्यासी, हजीरा, ओलपाड, किम तालुका में स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण दे रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बाढ़ के समय डर बढ़ने लगे तब एनडीआरएफ एवं अन्य रेस्क्यु के लिए टीम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे उससे पहले  लोग अपनी सुरक्षा कैसे करें इस संदर्भ में जानकारी दी जा रही है। अपने पास पड़े सामानों से अपनी तथा अपने परिजनों एवं गांव के लोगों के जांन किस तरह बचा सके इसका ज्ञान दिया जा रहा है।
 तालुका के सामुदायिक हॉल या स्कूलों में या ऐसे स्थान पर एकत्र किया जा रहा है जहाँ 50 से अधिक लोगों को बैठाकर प्रशिक्षित किया जा सकता है। विशेष रूप से एनडीआरएफ की टीम द्वारा बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों के युवाओं को एकत्रित कर  उन्हें प्रशिक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि युवक खतरनाक परिस्थितियों में भी महिलाएं, बूढ़े और बच्चों की जान बचा सकें।
एनडीआरएफ के निरीक्षक दीपक बाबू ने कहा, "हम स्थानीय आपदा प्रबंधन समिति या जिला आपातकालीन टीम के संपर्क में हैं।" हमारे वरिष्ठों के निर्देशानुसार हम जिला कलेक्टर और स्थानीय मामलतदार को साथ रखकर किस क्षेत्रों में  प्रशिक्षण की आवश्यकता है, उसकी पहचान कर ली है।  स्थानीय मामलातदार किस तालुका के किस क्षेत्र में बाढ़ आता हैं उसकी पहचान कर हम उन क्षेत्रों में जाकर प्रशिक्षण शुरू करते हैं। चक्रवात, बाढ़, भूकंप, आग लगने जैसे प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं में जीवन कैसे बचाया जाए, इसका प्रशिक्षण दे रहे हैं। अपने पास मौजूद उपकरणों से अपनी सुरक्षा कैसे करें, यह सीखना बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि ऐसे में रेस्क्यू टीम को घटनास्थल तक पहुंचने में जितना  समय लगता है। इतने समय तक अपना बचाव करने के लिए तैयार रहना महत्वपूर्ण है।
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