एक सोच फाउंडेशन का अनूठा प्रयास : कोरोना में घर का सहारा गंवा चुकी असहाय महिलाओं दिया प्लेटफार्म

एक सोच फाउंडेशन का अनूठा प्रयास : कोरोना में घर का सहारा गंवा चुकी असहाय महिलाओं दिया प्लेटफार्म

स्मॉल स्केल आंत्रप्रीन्योर महिलाओं के लिए माहेश्वरी भवन में एक्ज़ीबिशन आयोजित

सूरत: कोरोनाकाल में घर का सहारा गंवा चुके कई परिवारों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई। खासकर उन घरों में जहां पति की मृत्यु हो गई है, बच्चों सहित परिवार की जिम्मेदारी अकेली महिलाओं पर आ गई। कई महिलओं ने अपनी प्रतिभा या साहस के कारण छोटे और बड़े व्यवसाय शुरू किए हैं। ऐसी महिलाओं को मंच प्रदान करने के लिए एक सोच फाउंडेशन द्वारा एक हाथ, एक साथ और वोकल फॉर लोकल थीम पर आज माहेश्वरी भवन में एक्जिबिशन का आयोजन किया।
एक्ज़ीबिशन के संबंध में रितु राठी, वनिता रावत, तृष्णा याज्ञनिक, निमिषा पारेख, जेतल देसाई, एकता तुलसियन, सोनल मेहता ने संयुक्त रूप से कहा कि कोरोना काल में कई कलाकारों के साथ ही घर में कमाने वाले पुरूष की विदाई से अकेली पड़ गई महिलाओं की हाल दयनीय हो गई है। ऐसे कठिन समय में शहर का एक सोच फाउंडेशन ऐसी महिलाओं के लिए सामने आया है जिन्हें एक प्लेटफॉर्म की जरूरत है। फाउंडेशन विभिन्न संगठनों की मदद से वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा दे रहा था और जरूरतमंद महिलाओं की मदद के लिए आज एक हाथ-एक साथ प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी में 60 से अधिक महिलाओं ने स्टॉल लगाए। हर स्टॉल के लिए एक मेंटर थी।
इस आयोजन के पीछे का उद्देश्य उन महिलाओं को प्रोत्साहित करना था जो अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती हैं और अपना खुद का व्यवसाय चलाने में सक्षम होना चाहती हैं। पूरे आयोजन में विविध संस्थाएं जैसे कि यूथ फोर गुजरात, अंतरराष्ट्रीय अग्रवाल महिला इकाई, माहेश्वरी महिला मंडल, लायंस क्लब, मिस्टर कैफे, आरजेएमएस महिला संघ, लक्ष्मीनारायण चैरिटेबल ट्रस्ट, आर्ट बॉक्स सूरत, मुस्कान चैरिटेबल ट्रस्ट, नवजीवन मोटर्स, प्रीति भाटिया द्वारा अद्भूत स्पार्कल्स जैसी संस्थाए आगे आयी। जबकि इस पहल को रूंगटा बिल्डर्स, लक्ष्मीपति साड़ी, परिमल काकडिया का सहयोग मिला। रितु राठी ने आगे कहा कि पूरी आयोजन में खास बात यह थी कि इन महिलाओं को न केवल एक मंच प्रदान किया जाएगा बल्कि सक्षम महिलाओं द्वारा एक-एक स्टॉल को अपनाया  जाएगा और उनके द्वारा बनाई गई हर चीज को बढ़ावा दिया जाएगा।
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