सूरत : बच्चों को प्रकृति से प्यार करना सिखाने का सबसे अच्छा तरीका है टैरेस गार्डनिंग

सूरत :   बच्चों को प्रकृति से प्यार करना सिखाने का सबसे अच्छा तरीका है टैरेस गार्डनिंग

शहर में 1200 से अधिक लोग टैरेस गार्डन की खेती से शुद्ध और सात्विक सब्जियां प्राप्त कर रहे हैं

सूरत कृषि विज्ञान केंद्र समय-समय पर टैरेस गार्डन के बारे में प्रशिक्षण देता है
 कोरोना काल के चलते लोगों की जिंदगी में आमूलचूल बदलाव आया है। जीवनशैली में बदलाव के साथ लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहे हैं। वहीं, सूरत के लोग अब अपने छतों पर विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाकर स्वस्थ आहार प्राप्त कर रहे हैं। 
 घर के अंदर हरा भरा गार्डन परिवार को एक स्वस्थ और जैविक आहार प्रदान करता है। बाजार में उपलब्ध सब्जियां ज्यादातर रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग से पैदा होती हैं। घर में उगाई जाने वाली सब्जियों का स्वाद कुछ अलग होता है। पिछले कई सालों से छत पर सब्जियों की खेती कर रही भटार क्षेत्र की अनुपमाबेन का कहना है कि किचन गार्डन एक ऐसा बगीचा होता है जो अन्य बगीचों से काफी अलग होता है। घर की छत पर उगाई जाने वाली सब्जियों का इस्तेमाल आप घर के किचन में कर सकते हैं। मैंने अपने घर की छत पर करेला, कैंटोला, मेथी, पुदीना, तुलसी, रसीला, कस्टर्ड सेब, शहतूत, टमाटर, लाल भिंडी, शकरकंद, नागरवेल जैसी सब्जियां उगाकर अपने परिवार को स्वस्थ भोजन में आत्मनिर्भर बनाया है।
   उनका कहना है कि नवसारी कृषि विश्वविद्यालय के सूरत के पानास में कार्यरत केवीके द्वारा बहनों को किचन गार्डनिंग का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस ट्रेनिंग के बाद मुझे एहसास हुआ कि किस मौसम में कौन से पौधे कैसे उगाएं। इस प्रशिक्षण के माध्यम से चिकित्सा से लेकर पालन-पोषण तक की सभी जानकारी प्राप्त की गई है। ट्रेनिंग से पहले मैं अपने घर में इंडोर प्लांट्स  गुलाब और मोगरो जैसे पौधों से गार्डनिंग करती थी। प्रशिक्षण के बाद मैंने घर की छत पर तरह-तरह की सब्जियां और फल के पेड़ लगाना शुरू किया। वे कहती हैं कि'मेरे लिए टैरेस गार्डनिंग प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाने का जरिया बन गया है।'' मैं प्रकृति में ओतप्रोत होकर बहुत खुश हूं। बच्चे प्रकृति के विभिन्न तत्वों से परिचित होते हैं। आज के बच्चे मोबाइल की काल्पनिक दुनिया में खोए हुए हैं। वर्तमान में शहरी बच्चे सब्जियों या फूलों को नहीं पहचानते हैं। तुलसी, हल्दी, मीठा और कड़वा नीम की उपयोगिता से भी वे अनजान हैं। बच्चों को प्रकृति से प्यार करना सिखाने का सबसे अच्छा तरीका है टैरेस गार्डनिंग। आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ और शुद्ध हवा, पानी और भोजन उपलब्ध कराना हम सबका दायित्व है। टैरेस गार्डन का एक बड़ा फायदा यह है कि आप घर पर ही रोगाणु मुक्त, प्रदूषण मुक्त, स्वस्थ सब्जियां प्राप्त कर सकते हैं।
  अनुपमाबेन कहती हैं कि"कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान, हमने टेरेस पर उगाये गये तुलसी, लहसुन,  हल्दी और नागरवेल के पत्तों से बना काढ़ा पिया।" जिससे इम्युनिटी बढ़ने का अहसास होता है। यह काढ़ा हानिरहित और स्वास्थ्यवर्धक होता है, जिसे किसी भी मौसम में पिया जा सकता है।
  "आधुनिक युग में कृषि में उगाई जाने वाली सब्जियां रासायनिक उर्वरकों के बेतरतीब उपयोग के कारण प्रदूषित हो रही हैं। बाजार में उपलब्ध इस प्रकार की सब्जियां अब हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।  प्रधान एवं वरिष्ठ, कृषि विज्ञान केंद्र, सूरत के जनक राठौर, प्रधान एवं वरिष्ठ, कृषि विज्ञान केंद्र, सूरत ने कहा कि हमारे केंद्र द्वारा समय-समय पर टैरेस गार्डन पर प्रशिक्षण आयोजित किया जाता है। वर्तमान में सूरत शहर में 1200 से अधिक लोग टैरेस गार्डन की खेती कर शुद्ध और सात्विक सब्जियां प्राप्त कर रहे हैं।
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