सूरत : दक्षिण गुजरात में मेगा टेक्सटाइल पार्क के लिए जगह की पहचान करने के लिए चेम्बर को सुझाव दिया

सूरत :  दक्षिण गुजरात में मेगा टेक्सटाइल पार्क के लिए जगह की पहचान करने के लिए चेम्बर को सुझाव दिया

चेम्बर द्वारा आयोजित ओपन हाऊस के दौरान दक्षिण गुजरात में मेगा टेक्सटाईल पार्क के लिए जगह का चयन करने की जिम्मेदारी अधिकारियों ने चेम्बर को सोंपी।

चैंबर द्वारा जीआईडीसी के वीसी, एमडी, उद्योग आयुक्त और एमएसएमई आयुक्त के साथ ओपन हाउस आयोजित
सूरत में दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) द्वारा बुधवार  को समृद्धि बिल्डिंग नानपुरा सूरत में गुजरात सरकार के जीआईडीसी के वाईस चेअरमेन और मेनेजिंग डिरेक्टर एम. थेन्नारासन (आईएएस), उद्योग आयुक्त डॉ. राहुल गुप्ता (आईएएस) और एम.एस.एम.ई. कमिश्नर रंजीत कुमार (आईएएस) के साथ ओपन हाउस का आयोजन किया गया।
चैंबर के अध्यक्ष दिनेश नावडिया ने कहा कि दक्षिण गुजरात के विभिन्न जीआईडीसी के मुद्दों को पहले भी चैंबर द्वारा उठाया जा चुका है और उनमें से ज्यादातर का समाधान गुजरात सरकार और वरिष्ठ अधिकारियों ने किया है।
 एमएसएमई उद्योग नीति से कपड़ा उद्योग लाभान्वित हो इस लिए उन्होंने तीन शीर्ष अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया । उद्योग आयुक्त डॉ. राहुल गुप्ता ने कहा कि इस संबंध में संबंधित अधिकारियों की मंजूरी मांगी गई है। अंतिम निर्णय के लिए उपमुख्यमंत्री के पास पूरे मामले को भेज दिया गया है।   
चैंबर के निर्वाचित अध्यक्ष आशीष गुजराती ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा देश भर में सात मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जाएंगे, जिनमें से एक सूरत के लिए उपलब्ध  हो इस लिए उद्योग आयुक्त और उच्च स्तरीय अधिकारियों से सहयोग मांगा गया।   इस सम्बन्ध में थेन्नारासेन ने चैंबर को निर्देश दिया गया था कि सूरत जिले में एक ऐसे स्थान की पहचान की जाए जहां एक मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थापित किया जा सके।
ओपन हाउस में सचिन, पांडेसरा, कतारगाम, मियागाम और सायन जीआईडीसी के पदाधिकारियों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया और उन्होंने अपने जीआईडीसी से संबंधित विभिन्न मुद्दों को उठाया। जीआईडीसी में बुनियादी ढांचे, भूखंड हस्तांतरण, अप्रयुक्त जुर्माना, सेवा शुल्क, उपखंड नीति, स्थानांतरण शुल्क और जीआईडीसी में उद्यानों के विकास के लिए सामान्य भूखंडों के आवंटन पर पेशकश की।
तीनों अधिकारियों ने बैठक में संबंधित अधिकारियों को अधिकांश मुद्दों को हल करने का निर्देश दिया और अन्य नीति संबंधी मुद्दों को हल करने का प्रयास करने का आश्वासन दिया।
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