सूरतः सुमुल डेरी द्वारा की गई भाववृध्दि वापस लेने कांग्रेस कमिटी ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया

सूरतः सुमुल डेरी द्वारा की गई भाववृध्दि वापस लेने कांग्रेस कमिटी ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया

सुमुल डेरी द्वारा दुध के दामों में की गई भाववृध्दि का लाभ पशुपालकों तक नही पहोचने का आरोप कांग्रेस ने डेरी के संचालकों पर लगाया।

पशुपालकों को फेट के दाम प्रति किलो 86  से बढाकर100 रुपये अदा करे 
सूरत में सुम‌ुल डेरी द्वारा दुध के भावों में जो वृद्धि की है उसका लाभ पशुपालकों तक नही पहुंचता है। कोरोनाकाल के दौरान दुध और डेरी प्रोडक्ट की मांग और भाव बढ़े थे जिसके कारण संचालकों ने नफाखोरी की थी। वर्तमान समय में दुध के भाव वापस करने और पशुपालकों को फेट के भाव बढ़ाने के लिए कांग्रेस कमिटी ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया। 
वर्तमान कोरोनाकाल के दौरान दुध के भावों में जो वृध्दि सुमुल डेरी ने की है उसे वापस लेने के लिए सूरत शहर कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष नैषध देसाई, सूरत शहर उपाध्यक्ष हरीश सुर्यवंशी, पुर्व केन्द्री मंत्री डॉ. तुषार चौधरी और पूर्व सूरत जिला कांग्रेस प्रमुख दर्शन नायक ने नवनियुक्त जिला कलेक्टर आयुष ओक को ज्ञापन देकर दुध के भाव मे की गयी भाववृध्दि वापस कराने की मांग की गयी। 
दर्शन नायक ने जानकारी देते हुए कहा कि सूरत और तापी जिले के पशु पालकों, गरीब, आदीवासी और भूमीहीन चरवाहों को ताऊते चक्रवात के दौरान काफी आर्थिक नुकसान हुआ। सुमुल डेरी के संचालकों  द्वारा डेरी दुध जमा करनेवाले असरग्रस्त पशुपालकों के लिए कोई आर्थिक सहायता नही की। दुध के भाव बढ़ाकर ग्राहकों से सुमुल डेरी अधिक भाव ले रही है मगर असरग्रस्त पशुपालकों को भाववृध्दि का लाभ नही दे रही। नफाखोर सुमुल डेरी के संचालकों पर कलेक्टर द्वारा कार्यवाही करके पशुपालकों को फेट के दाम बढाए जाए तथा ग्राहकों को दुध के भाववृध्दि से राहत दी जाए ऐसी मांग की गयी। 
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