सूरत से धड़कता दिल मुंबई में ट्रांसप्लांट, 300 किमी दूरी 92 मिनट में तय की गयी
By Loktej
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सूरत से ब्रेनडेड व्यक्ति के अंगदान से ६ अन्य अंग विफलता रोगियों को नया जीवन मिला, डोनेट लाईफ संस्था काउन्सीलिंग से मुंबई और अहमदाबाद में अंगो का प्रत्यारोपण किया गया।
जैन समाज के ब्रेनडेड दिनेशभाई के अंगदान से छह लोगों को मिला नया जीवन
अंगदान के लिए देशभर में मशहूर हो रहे सूरत से फिर से दिल, किडनी, लीवर और आंखें दान किया गया। विशा ओसवाल जैन समाज के ब्रेनडेड दिनेशभाई मोहनलाल छाजेड़ के परिवार ने दिल, किडनी, लीवर और आंखें दान कर छह लोगों को नया जीवन प्रदान किया। वहीं मानवता की सुगंध फैलाकर समाज को एक नई दिशा दी है। सूरत से मुंबई में रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल तक की 300 किमी की दूरी 92 मिनट में काटकर नवी मुंबई के निवासी 30 वर्षीय व्यक्ति में हृदय प्रत्यारोपण किया गया।
11 जून को रात 8:30 बजे अचानक दिनेशभाई का रक्तचाप में वृद्धि होने से शरीर के दाहिने हिस्से में पक्षाघात की असर हुई। उन्हें तुरंत नवसारी के डीएन मेहता पारसी अस्पताल में भर्ती कराया गया और निदान के लिए सीटी स्कैन किया गया। सीटी स्केन रिपोर्ट में ब्रेईन स्ट्रोक के कारण दिमाग में दाहिने हिस्से में खुल का बहाव बंद होने का निदान किया गया था।
प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें सूरत के एप्पल अस्पताल में न्यूरोसर्जन डॉ. के.सी. जैन के निगरानी में आगे के इलाज के लिए भर्ती कराया गया। सोमवार 14 जून को न्यूरोसर्जन डॉ. के.सी. जैन, न्यूरोफिशियन डॉ. परेश जंजमेरा, नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. धनेश वैध और एनेस्थेटिस्ट डॉ नियति दवे ने दिनेशभाई को ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
डॉ. विकासबेन देसाई, न्यूरोसर्जन डॉ. के.सी. जैन, दिनेशभाई के बहनोई रश्मिन कुमार, दिनेशभाई की पत्नी जयबेन, साले हितेशभाई और महेशभाई, साढुभाई नीलेशभाई और विजयभाई, बहनोई रमेशभाई और विनोदभाई के साथ रहकर उन्हे अंगदान के महत्व और प्रक्रिया की जानकारी दी।
दिनेशभाई की पत्नी जयबेन, जो आईसी में एक उच्च ग्रेड सहायक के रूप में काम करती हैं उन्होने कहा कि मेरे पति विभिन्न सेवा गतिविधियों में शामिल थे। उनका हमेशा जीवन में विश्वास था कि हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए। तो जब मेरे पति का ब्रेन डेड हो गया है और उनकी मृत्यु निश्चित है, तो शरीर जलकर राख हो जाएगा।अगर मेरे ब्रेन डेड पति के अंगदान के माध्यम से अंग विफलता रोगियों को पुनर्जीवित किया जा रहा है, तो अंगदान के लिए आगे बढ़ें।
सूरत के एप्पल अस्पताल से अहमदाबाद के जाइडस अस्पताल तक की 274 किलोमीटर की दूरी 180 मिनट में काटकर किडनी अहमदाबाद की एक 47 वर्षीय महिला और लिवर अहमदाबाद के एक 43 वर्षीय व्यक्ति में प्रत्यारोपण किया। दिल, किडनी और लीवर को समय पर मुंबई और अहमदाबाद पहुंचाने के लिए दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। जिसमें सूरत शहर पुलिस के साथ-साथ राज्य के विभिन्न शहर और ग्रामीण पुलिस का सहयोग प्राप्त हुआ।
सूरत और दक्षिण गुजरात से डोनेट लाईफ द्वारा दान में मिले कुल 888 अंगों में 386 गुर्दे, 159 जिगर, 8 अग्न्याशय, 33 दिल, 14 फेफड़े और 290 आंखें दान की गईं। 816 लोगो को अंगदान के माध्यम से नया जीवन और द्रष्टी प्रदान की गयी।
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