सूरतः तूफान से दक्षिण गुजरात में किसानों को भारी अनुमान, धान समेत बागवानी की फसलें बर्बाद

सूरतः  तूफान से दक्षिण गुजरात में किसानों को भारी अनुमान,  धान समेत बागवानी की फसलें बर्बाद

धान की फसल को अब तक 25 से 30 फीसदी नुकसान

तौकते तूफान से दक्षिण गुजरात में  काफी नुकसान हुआ है। दक्षिण गुजरात के किसान समाज के अध्यक्ष और किसानों ने अपना व्यथा व्यक्त करते हुए कहा क‌ि तूफान से  करोड़ों रुपये के नुकशान की संभावना है। साथ ही किसानों के हुए नुकशान के मुआवजे की भी मांग की है। 
तौकते तूफान के कारण  वातावरण में अचानक बड़ा बदलाव ला दिया है। मई में मानसून की मार से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। बेमौसम बारिश से लाखों हेक्टेयर में लगी धान सहित फसल को भारी नुकसान हुआ है। बागवानी फसलों के नुकसान से किसान चिंतित है।
दक्षिण गुजरात में करीब 1 लाख 40 हजार एकड़ में धान बोया गया है। तूफान के कारण बेमौसम बारिश हुई है। इसका सीधा असर दक्षिण गुजरात की सबसे अहम फसल धान पर पड़ा है। धान की फसल को अब तक 25 से 30 फीसदी तक नुकसान पहुंचा है। लेकिन चार-पांच दिनों तक आंधी चलने पर धान की फसल को और नुकसान होने की आशंका बनी हुई है। धान की फसल की कटाई के लिए राजस्थान से दक्षिण गुजरात में बड़ी संख्या में मजदूर आते हैं लेकिन कोरोना  संक्रमण के कारण मजदूर दक्षिण गुजरात नहीं आ पाएंगे और खड़ी फसल को नुकसान होगा।
गुजरात किसान समाज के अध्यक्ष जयेश पटेल एवं किसान नेता दर्शन नायक ने कहा कि बेमौसम बारिश से दक्षिण गुजरात के किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।  राज्य सरकार को तुरंत दक्षिण गुजरात में एक सर्वे टीम बनाकर किसानों को हुए नुकसान का जायजा लेना चाहिए। साथ ही किसानों को तत्काल वित्तीय सहायता के रूप में प्रति एकड़ 10,000 रुपये का भुगतान किया जाए।
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