सूरत : कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अंगदान, जानें कितने लोगों को मिला नया जीवन

सूरत : कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अंगदान, जानें कितने लोगों को मिला नया जीवन

कोरोना की दुसरी लहर के दौरान सूरत में अंगदान का पहला मामला दर्ज हुआ है, डोनेट लाईन संस्था की काउन्सीलिंग से ब्रेन् डेड परेशभाई के अंगों को तीन जरूरतमंद लोगों में ट्रान्सप्लान्ट किया गया।

ब्रेनडेड फाईनान्स कंपनी के मेनेजर का लीवर और चक्षुदान से तीन लोगों को मिला नया जीवन 
सूरत कोरोना महामारी की दुसरी लहर के दौरान सूरत में पहला अंगदान हुआ। जैन सुडताली श्रीमाली समाज के ब्रेईनडेड परेशभाई चंदुलाल शाह के अंगदान से तीन लोगों को नया जीवन मिला। फाईनान्स कंपनी में मेनेजर का काम करने वाले परेशभाई का लीवर, और आंखो को जरूरतमंदों में ट्रान्सप्लान्ट किया गया। 
मजुरागेट के पास निजि फाईनान्स कंपनी में मेनेजर का काम करनेवाले परेशभाई कोविड महामारी के दौरान कुछ समय छुट्टी पर ते। बुधवार 12 मई को परेशभाई पत्नी पद्माबेन के साथ कंपनी में पगार लेने के लिए गए थे। पगाल लेकर वापस लैटते समय ऑफिस की सीडीयां उतरते समय अचानक चक्कर आने से गीर गए। उन्हे वोमट होने पर तत्काल पास के निर्मल अस्पताल में ऑफिस स्टाफ की मदद से भर्ती किया गया। सीटी स्केन करने पर दिमाग की नसे फट जाने से ब्रेईन हेमरेज होने का जांच रिपोर्ट में पता चला। 13 मई को न्युरोफिजिशियन सहित चिकित्सकों की पैनल ने परेशभाई को ब्रेनडेड घोषित किया। चिकित्सकों तथा डोनेट लाईफ संस्था की ओर से परेशभाई के पुत्र देवांग तथा दामाद चिराग दोशी प्रकाश शाह, बहनोई यशवंत शाह के साथ टेलिफोनिक चर्चा करके अंगदान की प्रक्रिया समझायी। परिवार के सदस्यों की मंजुरी के बाद अंगदान का निर्णय लिया गया। 
डोनेट लाईफ संस्था के अध्यक्ष निलेश मांडलेवाला से मिली जानकारी के अनुसार कोविड-19 की दुसरी लहर के दौरान सूरत में अंगदान का पहला केस है। ब्रेन डेड परेशभाई का लीवर बडौदा निवासी 64 वर्षीय व्यक्ति में ट्रान्सप्लान्ट किया गया। सूरत के निर्मल अस्पताल से  280 किलोमीटर दुर अहमदाबाद के सीम्स अस्पताल तक ग्रीन कोरिडोर बनाकर लीवर पहुचाया गया। ग्रीन कोरीडोर के दौरान सूरत पुलिस और राज्य पुलिस का साथ सहयोग मिला। परेशभाई के लीवर और आंखे दान करने से जरूरतमंद तीन लोगों को नयी जीवन मिला। 
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