कोरोना मृतक के भाई का लगा जोर का झटका, अस्पताल के कागजातों में मिले 26 साल पहले गुजरे पिता के हस्ताक्षर!

प्लाजमा चढाने के लिए अनुमति पेपर में मर चुके पिता के हस्ताक्षर, जांच का मिला भरोसा

सूरत के सहारा दरवाजा इलाके में स्थित मनपा संचालित स्मीमेर हॉस्पिटल में दाखिल एक मरीज के उपचार पेपर में उसके स्वर्गीय पिता के हस्ताक्षर किये जाने का मामला सामने आने के बाद परिवारजनो में नाराजगी है। उन्होंने लापरवाह प्रशासन के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की है। कोरोना के उपचार के दौरान मृतक के मेडिक्लेम की प्रक्रिया के दौरान यह घोटाला सामने आया था।
स्मीमेर हॉस्पिटल में मरीज के उपचार के कागज पर 26 साल पहले मर चुके उसके पिता के फर्जी हस्ताक्षर देखकर परिवार जन भी चौंक उठे थे। नवागाव में लक्ष्मण नगर में रहने वाले अनिलभाई रामभाई पाटिल को 12 अप्रैल को प्राइवेट हॉस्पिटल से स्मीमेर होस्पिटल ले जाया गया। जहां की उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।  इसके बाद अनिल भाई के मेडिक्लेम की प्रक्रिया पूरी करने के लिए उनके भाई दीपक पाटिल ने मनपा संचालित स्मीमेर हॉस्पिटल से उपचार के कागज मांगे थे। कागज मिलने के बाद वह कागज देख कर चौंक उठे। दीपक भाई पाटिल ने बताया कि अनिल भाई को हॉस्पिटल में दाखिल करने के बाद उपचार के दौरान अनिल भाई को प्लाज्मा चढ़ाने के पेपर पर पिता रामदास भाई के हस्ताक्षर है। उनके पिता 26 साल पहले मर चुके हैं। उनकी गलत हस्ताक्षर देखकर परिवार जनों को दुख हुआ और उन्होंने प्रशासन की इस लापरवाही के खिलाफ आवाज भी उठाई।
इस तरह से गलत हस्ताक्षर देखकर अंदाजा लगाया सकता है कि इस अस्पताल में किस कदर अंधा साम्राज्य चल रहा है। हॉस्पिटल के ही किसी स्टाफ ने यह बदमाशी की हो सकती है। सुपरिटेंडेंट बंदना देसाई का कहना है कि संबंधियों को गलतफहमी होने के कारण अनुमति पत्र में पिता का नाम लिखा गया है। हॉस्पिटल के कर्मचारी का कोई गलत इरादा नहीं होगा। इसके बावजूद यदि मृतक के परिवारजनों को कोई शिकायत है तो वह लिखकर अपने शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। हम जांच करेंगे।
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