माता-पिता दोनो संक्रमित हों, तो राज्य सरकार करेगी बच्चों की देखरेख

माता-पिता दोनो संक्रमित हों, तो राज्य सरकार करेगी बच्चों की देखरेख

बालसुरक्षा विभाग को दी गई जिम्मेदारी, चाइल्ड वेल्फेयर कमिटि से लेनी होगी परमीशन

पूरे देश में कोरोना ने कहर ढाया है। कई परिवार में तो पानी देने के लिए भी कोई सदस्य बचा नहीं है। ऐसे में प्रशासन ने कोरोना संक्रमित रोग के उपचार के दौरान हर संभव व्यवस्था करने का प्रयास शुरू किया है। राज्य सरकार ने कोरोना के कारण माता-पिता में से किसी की मृत्यु हो गई हो या दोनों की मृत्यु हो गई हो अथवा माता-पिता दोनों ही कोरोनावायरस उपचाराधीन हो ऐसे समय में बच्चों की देखरेख के लिए कोई नहीं हो तो बाल सुरक्षा विभाग को बच्चों की जिम्मेदारी दी गई है। 
1 दिन से लेकर 18 साल तक के किशोर की देखरेख रखने के लिए सरकार ने निर्देश दे दिया है। माता-पिता को मदद के लिए पुराना की सेकंड लहर बहुत ही घातक है जिसमें कि कई परिवारों में सभी संक्रमित हो गए हैं। ऐसे समय में कई मासूम बच्चों ने तो अपनी माता या पिता में से किसी को गवां दिया है। कुछ तो ऐसे हैं जिन्होंने की दोनों की छाया गवा दी है। इसके अलावा कई मामलों में माता-पिता दोनो दाखिल होने से बच्चों की देखरेख का सवाल उठता है। इस समस्या को देखते हुए सरकार ने ऐसे बच्चों की देखरेख करने का जिम्मा उठाया है।
(Photo Credit : khabarchhe.com)
माता-पिता दोनों में से किसी एक की मृत्यु हुई हो और उनकी देखरेख के लिए कोई उपलब्ध ना हो उन्हें बाल सुरक्षा विभाग की निगरानी में रखा जाएगा। बच्चों को बाल गृह में भेजते समय यह सावधानियां बरतनी होगी कि उनका कोरोना की जांच का रिपोर्ट होना चाहिए, उन्हें वहां रखने के पहले चाइल्ड वेलफेयर कमिटी की स्वीकृति लेनी होगी। 1 दिन से 6 वर्ष तक के बच्चों को कतारगाम पोपावाला चिल्ड्रन होम में रखा जाएगा जबकि 6 से 18 वर्ष के बच्चों को कतारगाम में रखा जाएगा। बच्चियों को रामनगर के चिल्ड्रन होम में रखा जाएगा। बच्चों को भोजन से लेकर खेलकूद तक की व्यवस्था निशुल्क दी जाएगी।
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