सूरत के सरकारी अस्पतालों में कोरोना के ज्यादा मरीज शहर बाहर के

सूरत के सरकारी अस्पतालों में कोरोना के ज्यादा मरीज शहर बाहर के

स्थिति में सुधार होने का प्रशासनिक अधिकारियों का दावा

सूरत में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है जिसके चलते प्रशासन की नींद हराम है। लेकिन, दूसरी ओर प्रशासन का कहना यह भी है कि सरकारी और निजी हॉस्पिटल में दाखिल मरीजों में से 40 प्रतिशत मरीज सूरत के हैं, बाकी के मरीज सूरत के बाहर के हैं। सूरत की हॉस्पिटलों में गंभीर मरीजों की संख्या घटी है। साथ ही यह भी कहा गया है कि वेंटिलेटर के लिए अब सूरत के मरीजों को हॉस्पिटलों में बेड के लिए प्रायरिटी दी जाएगी। 
सूरत की सिविल हॉस्पिटल तथा मनपा संचालित स्मीमेर में हॉस्पिटल के दरवाजे मरीजों के लिए बंद कर दिए गए थे। शहर में कोरोना इस कदर बढ़ गया था कि प्रशासन भी समझ नहीं पा रहा था कि क्या किया जाए? लेकिन इस समय सूरत में कोरोना की परिस्थिति नियंत्रण में होने की बात कही जा रही है। स्पेशल ऑफिसर थेन्नारासन ने बताया कि सिविल और स्मीमेर तथा निजी हॉस्पिटल में उपचार ले रहे मरीजों में से सिर्फ 40% मरीज सूरत के हैं। बाकी के 60 प्रतिशत  सूरत के अलावा अहमदाबाद, सौराष्ट्र तथा गुजरात के अन्य हिस्सों के हैं। गुजरात से सटे हुए अन्य राज्यों के मरीज भी सूरत में आ रहे हैं, लेकिन फिलहाल सभी हॉस्पिटलों को यह निर्देश दे दिया गया है कि सूरत के हॉस्पिटलों में सूरत के मरीजों को प्राधान्यता दी जाए। हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण वहां पर जैसे-जैसे मरीज डिस्चार्ज हो रहे हैं वैसे वैसे मरीजों को दाखिल किया जा रहा है। 
सूरत की बात करें तो यहां पर प्रतिदिन 175 मेट्रिक टन ऑक्सिजन का उपयोग होता है। जो 1 सप्ताह पहले 270 मेट्रिक टन के करीब था, जबकि दक्षिण गुजरात में 23 टन ऑक्सीजन का उपयोग होता है। सूरत के ग्रामीण क्षेत्रों में 10 टन के करीब ऑक्सीजन का उपयोग किया जाता है। सूरत में जामनगर हजीरा, झगड़िया और जामनगर में से ऑक्सीजन मिलता है। फिलहाल सूरत में मरीजों की संख्या कम होने के कारण ऑक्सीजन की आवश्यकता भी कम पड़ रही है। ऑक्सीजन की आवश्यकता और उसकी आपूर्ति जानने के लिए ऑडिट टीम भी बनाई गई है।
बता दे कि, सूरत शहर में पिछले 7 दिनों में 13064 कोरोना के एक्टिव मरीज मिले। कुल 216000 टेस्ट किए गए। सूरत में 7 दिनों में 66602 rt-pcr टेस्ट किया गया। जब 21 अप्रैल से 27 अप्रैल के बीच 7 दिनों में बड़े पैमाने पर जांच कार्यवाही की गई।