मिसाल: साल भर से कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रही ये इनचार्ज नर्स, अभी तक कोरोना से अछूती

मिसाल: साल भर से कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रही ये इनचार्ज नर्स, अभी तक कोरोना से अछूती

सालभर से प्रतिदिन औसतन 9 से 10 घंटे कर रही काम, परिवार ने दिया पूरा सहयोग

देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई हैं। प्रतिदिन ना सिर्फ संक्रमित मामले मामले बढ़ रहे है बल्कि मरने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ रही हैं । आलम तो ये है कि अस्पतालों में बिस्तर, दवाइयाँ और ऑक्सीजन की भारी कमी देखी जा रही है। इन सब के बीच कोरोना वोर्रिएर्स लगातार बिना रुके, बिना थके चौबीसों घंटे, सातों दिन मरीजों की सेवा करने में लगे हुए है। एक ऐसा ही नाम है अरुणाबेन पटेल! अरुणाबेन कोविड -19 अस्पताल के प्रभारी के रूप में 365 दिनों तक लगातार 8-9 घंटे काम करके लोगों के लिए कर्तव्य निष्ठा एक उदाहरण बन गई हैं। इतना ही नहीं इस गंभीर बीमारियों से संक्रमित मरीजों के साथ काम करते करते कोरोना महामारी ने अरुणाबेन के मन से मौत के डर को दूर कर दिया। मीडिया से बात करते हुए, अरुणाबेन ने कहा कि रोज इन रोगियों के बीच काम करके, एक बात साबित हो गई है कि जो इनकी सेवा करेंगा भगवान उनका ध्यान रखेगा। 

आपको बता दें कि नवागाम डिंडोली के नंदनवन टाउनशिप में रहने वाली 50 वर्षीय अरुणाबेन राकेशभाई पटेल कहती है कि लगातार कोरोना संक्रमित लोगों के बीच उनकी सेवा करते हुए भी उन्हें कोरोना नहीं हुआ और यहीं उनकी सेवा का परिणाम है। वो आगे कहती है कि उन्होंने इस क्षेत्र में 1994 में कदम रखा और अपनी 27 साल की सेवा में पहली बार इतनी भयानक महामारी देखी है। पिछले 13 महीनों से कोविड -19 में प्रभारी नर्सिंग स्टाफ के रूप में काम करते हुए अपने परिवार से दूर अरुणाबेन को उनके एकलौते बेटे पति से बहुत मदद और उत्साह मिलता रहा हैं। अपने परिवार के सहयोग के बारे में वो बताती है कि चाहे स्वाइन फ्लू हो या लेप्टोस्पायरोसिस जैसी गंभीर बीमारी उन्होंने सब समय में काम किया है पर कोरोना महामारी में लोगों को मरते हुए देखना बहुत कठिन है। ऐसे समय में मानसिक तनाव से बाहर आकर अन्य रोगियों के बारे में सोचना और काम पर वापस आने के लिए बहुत हिम्मत चाहिए। ऐसे में परिवार का साथ सबसे अहम हो जाता है। परिवार के सहयोग के बिना महामारी के खिलाफ लड़ना असंभव है।
अपने काम के बारे में अरुणाबेन बताती है कि कोविड -19 में जिम्मेदारी के शुरुआती दिन बहुत कठिन थे। हालांकि, दृढ़ सोच के साथ काम करने की आदत ने सब कुछ आसान कर दिया है। स्टाफ नर्स का मतलब है कि किस मरीज को क्या और कितना दिया जाए, डॉक्टरों की मांग और काम करने के लिए सफाई, मेडिकल स्टोर से दवा, उपकरण, मास्क, पीपीई किट सहित आवश्यक वस्तुएं लाना और आवश्यकतानुसार वितरण करना और अरुणाबेन साल भर से ये जिम्मेदारी  बखूबी निभा रही है।