सूरत के आयुष कोविड अस्पातल में आगजनी से शिफ्टींग के दौरान 5 मरीजों की मौत

सूरत के आयुष कोविड अस्पातल में आगजनी से शिफ्टींग के दौरान 5 मरीजों की मौत

सूरत के आयुष कोविड अस्पताल में देर रात आगजनी के बाद शिफ्टींग के दौरान ५ कोरोना मरीजों की मौत हुई, अन्य मरीजों को दमकल विभाग ने सुरक्षित बचा लिया।

एसी में शोर्ट सर्किट की वजह से देररात आग की घटना में दमकल विभाग का रेस्कुय अभियान
शहर के लालदरवाजा स्थित आयुष अस्पताल में रविवार रात आग लगने के बाद शिफ्टिींग के दौरान पांच कोरोना मरीजों की मौत हो गई है। दमकल विभागने अस्पताल में भर्ती अन्य सभी मरीज़ों को मनपा संचालित स्मीमेर अस्पताल में शिफ्ट किया। इस घटना के बाद महानगरपालिका ने शहर के सभी कोविड अस्पताल में फायर सेफ्टी की जांच शुरू की। 
लाल दरवाजा क्षेत्र में स्थित डॉक्टर हाउस स्थित आयुष हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड में देर रात आग लग जाने के कारण अफरा-तफरी का माहौल फैल गया। उपचाराधिन मरीजों की जान जोखिम में आ गई थी। हालांकि फायर ब्रिगेड ने पहुंच कर थोड़ी देर में ही घटना पर काबू पा लिया। हॉस्पिटल में आग लगी होने के कारण फायर ब्रिगेड की ओर से तुरंत ही इसे ब्रिगेड कॉल घोषित कर दिया गया। इसलिए तुरंत ही कई दमकल की कई गाड़ियां वहां पर पहुंच गई। 
मिली जानकारी के अनुसार, सूरत के लाल दरवाजा क्षेत्र में स्थित आयुष हॉस्पिटल के पांचवी मंजिल में देर रात एसी में शॉर्ट सर्किट लगने से भयानक आग लग गई। लगभग 11:30 के करीब हुई इस घटना में देखते देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। अस्पताल के स्टाफ ने इस बारे में फायर ब्रिगेड को जैसे ही जानकारी दी वैसे ही 10 से 15 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंच गई और आग को काबू में लेने का प्रयास शुरू कर दिया। 
आग वातानुकूलन (एसी) में शॉर्ट सर्किट होने या ओवरलोड की वजह से वातानुकूलन (एसी) के फट जाने के बाद लगी। वेंटिलेटर पर उपचाराधिन 3 मरीजों सहित कुल 10 मरीजों को सही सलामत बाहर निकाला गया। इन मरीजों को तत्कला स्मीमेर अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया। हॉस्पिटल में आग लगने के कारण कुछ देर तक मरीजों में भय का माहौल फैल गया था। फायर ब्रिगेड के जवानों ने कुछ ही देर पर आग में काबू पा लिया। हालांकि इस दौरान मरीजों की हालत दयनीय बन गई थी। आगजनी की घटना के बाद घबराहट और शिफ्टींग के दौरान पांच कोरोना मरीजों की मौत हुई। रामजी जाधव लुखी, अरविंद शिंगाडा, राजु मोहन पटेल, रमेश नरसिंह पडशाल और अल्पाबेन बिपिनभाई मोरडीया की इस दुर्घटना में मौत हुई। मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि आगजनी से नही मगर लापरवाही से हमारे परिजनों की मौत हुई है। 
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