सूरतः कोरोना की विकट स्थिति में लोगों का मनोबल बढ़ाने के लिए शहर में बैनर लगाए गए

सूरतः कोरोना की विकट स्थिति में लोगों का मनोबल बढ़ाने के लिए शहर में बैनर लगाए गए

कोरोना रोगी को मानसिक शक्ति प्रदान करने के लिए अभियान शुरू किया गया

 कोरोना महामारी को लेकर हाल में जो परि‌स्थिति है उसमें लोगों को इलाज  के साथ-साथ उन्हें मानसिक तनाव से मुक्त करने और प्रेरित करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए वर्तमान समय में कोरोना रोगियों का आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से शहर का ग्रुप आगे आया है। लोकल-वोकल बिजनेस के फाउंडर आकाश बघासिया एवं अजय इटालिया ने इस अभियान को  ने शुरू किया है। जिसमें पराग पंसुरिया ने सकारात्मक विचार दिए हैं। मारुति वीर जवान ट्रस्ट के सहयोग से सूरत में लगभग 4 हजार बैनर लगाए गए हैं। जिसमें कई सामाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मदद की है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को मानसिक शक्ति प्रदान किया जा सके। युवाओं द्वारा लोगों में नकारात्मक मानसिकता को दूर करने का प्रयास किया गया है।
आकाश वाघसिया ने कहा कि कोरोना की रिपोर्ट सकारात्मक आने पर कई लोग मानसिक रूप से टूट जाते हैं, साथ ही उन्हें साहस और मानसिक शक्ति की भी सख्त जरूरत है। इस उद्देश्य से  हमने शहर में 4 हजार बैनरों में शब्दों के साथ मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने के प्रयास किए हैं। जैसे "मैं जीत जाऊंगा क्योंकि मैंने बहुत सारी लड़ाइयां जीती हैं"। ताकि कोरोना से पीड़ित रोगी को मानसिक रूप से मजबूत रखा जा सके। इसके जरिए लोग निडर हो जाएंगे।
बैनरों के शब्द
"मैं जीत जाऊंगा क्योंकि मैंने बहुत सारी लड़ाईयां जीती हैं।"
"आकाश को समर्थन देने की ताकत रखता हूं, मत भूलो, मुसीबत मैं आदमी हूं।"
"मैं ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना हूं। ईश्वर ने मुझे सर्वश्रेष्ठ शक्तियां दी हैं।"
"मैं  थक हार बैठूं क्यों,  जीता नहीं तो  मैं  आदमी कैसा
"चल पड़े तो लड़े भी हारे नहीं, यह मनुष्य की जीत है, यदि आप गिरते हैं, तो आप लड़ेंगे, लेकिन आप हारेंगे नहीं। यही मनुष्य का स्वभाव है।"
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