एजंट के जरिये करवाया था सीमा पार, बेटी द्वारा कमाए पैसे भेज कर आर्थिक स्थिति सुधारने का दिया था आश्वासन
सूरत में बांग्लादेश की बॉर्डर क्रॉस करके किशोरी को देह व्यापार के लिए लाया जा रहा है इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने रेलवे स्टेशन पर से तीन लोगों को पकड़कर 17 वर्षीय किशोरी को मुक्त करवाया और 3 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस कमिश्नर अजय तोमर ने बताया कि बीते कुछ दिनों से बांग्लादेशियों की घुसपैठ को लेकर शहर पुलिस कार्रवाई कर रही है।
इस दौरान तीन बांग्लादेशी एक किशोरी को सूरत में देह व्यापार के लिए ला रहे हैं ऐसी जानकारी मिली थी। इसके आधार पर एसओजी के इंस्पेक्टर आर.एस सुवेरा और सब इंस्पेक्टर जाडेजा के नेतृत्व में टीम बनाई गई थी। इस टीम ने जैसे ही ट्रेन रुकी वैसे ही बड़ी होशियारी से 3 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार करके 17 वर्षीय की किशोरी को ले आने वाले बांग्लादेश के नाडाइल जिले के माधव पाशा गांव के निवासी और 2011 से सूरत के खोलवाड़ में रहने वाले 36 साल के मिजानूर उर्फे शरीफुल हूफ शेख, उसकी पत्नी अजमीरा खातून तथा 2006 से भरूच में मदीना मस्जिद के पास रहने वाले मुर्तुजा अजमल को गिरफ्तार कर लिया। प्रतिकात्मक तस्वीर
मुर्तुजा तथा शेख दंपत्ति नकली आधार कार्ड चुनाव कार्ड और पासपोर्ट भी बनवा चुके है। साल 2013 में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। शेख दंपति 2011 से सूरत में रहता था। कुछ दिनों पहले वह आर्थिंक तंगी के कारण बांग्लादेश गए थे। वहां पर उन्होंने 17 वर्षीय किशोरी की माता को कुछ पैसे दिए और बाद में युवती और भी पैसे कमा कर भेजेगी ऐसा लालच दिया। किशोरी के पिता मर गए हैं और परिवार में दो बहनें और बहनें हैं।
मुर्तुजा बांग्लादेश से भारत में ला सके ऐसे लोगों का जानता था। इसलिए शेख दंपत्ति ने उसका संपर्क किया और 15 हजार रुपए दिए। मुर्तुजा उनके साथ बांग्लादेश गया था। वहां से किशोरी को कोलकाता के हावडा लाने के लिए बांग्लादेश के जिलाल को 4000 रूपए दिए। पुलिस ने जिलाल को वोन्टेड जारी कर अन्य दलालों की भी पूछताछ शुरू की है