सूरतः रेमेडिसीवीर इंजेक्शन पाने के लिए कोरोना योद्धा को भी खड़ा होना पड़ रहा है लाइन में

सूरतः रेमेडिसीवीर इंजेक्शन पाने के लिए कोरोना योद्धा को भी खड़ा होना पड़ रहा है लाइन में

बीजेपी कार्यालय और किरण अस्पताल में मरीज के परिजनों की लाइन


गाइडलाइन के बावजूद अस्पताल से व्यवस्था न होने का आरोप
शहर में कोरोना के संक्रमण के साथ-साथ कोरोना के लिए अक्सीर साबित होने वाली  रेमेडिसीविर इंजेक्शन की रामायण चल रही है।  सूरत में रेमडेसिविर  इंजेक्शन की कमी से जूझ रहे मरीजों के रिश्तेदार सुबह से ही इंजेक्शन के लिए कतार में लग रहे हैं, लेकिन उनके नंबर आने तक स्टॉक खत्म हो जाता है , जिससे वे निराश होकर लौट जाते हैं।
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल द्वारा इंजेक्शन की व्यवस्था नहीं की जा रही है, हालांकि इंजेक्शन लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। साधारण लोग, यहां तक ​​कि नगरपालिका के कर्मचारी भी नौकरी के साथ अपने रिश्तेदारों को  बचाने के लिए इंजेक्शन लेने के लिए लाइन में खड़े दिखाई देते हैं।
रीमेडिसीविर इंजेक्शनों की भारी कमी है, जो कोरोना रोगियों के लिए एक अमृत साबित हो रहे हैं, और अस्पताल में उपचार कर रहे रोगियों के रिश्तेदार इंजेक्शन पाने के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं।
सामान्य लोग तो ठीक परंतु कोरोना वारियर्स समान मनपा के उधना जोन में कार्यरत अनिता मैसूरिया के माता-पिता कोरोना की चपेट में आ गये हैं और एक निजी अस्पताल के आईसीयू में इलाज किया जा रहा है। उन्हें रेमेडिसिविर इंजेक्शन की जरूरत है लेकिन कही नहीं मिल रहा है। 
अनीता मैसूरिया उधना जोन में काम करती हैं और पिछले एक साल से एक भी छुट्टी के बिना काम कर रही हैं। अनीता और उनके पति अपने माता-पिता को बचाने की भरसक कोशिश कर रहे हैं।
अनीता मैसूरिया अपने कर्तव्य के साथ-साथ माता-पिता को बचाने के लिए सुबह से ही भाजपा कार्यालय में एक इंजेक्शन पाने के लिए लाइन में खड़ी हैं। परिवार ने न केवल सूरत में, बल्कि गुजरात के अन्य शहरों में भी इंजेक्शन पाने की कोशिश की है, लेकिन अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिली है।
पालिका के कर्मचारी जो कोरोना वारियर्स हैं, अपने परिवार के सदस्यों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही वे वे लाइन में खड़े हो रहे हैं, उनके जैसे हजारों लोग भाजपा कार्यालय और किरण अस्पताल में अपने रिश्तेदारों को बचाने के लिए इंजेक्शन पाने के लिए लाइन में लग जाते हैं।
कोरोना के इंजेक्शन के लिए एक दिशानिर्देश जारी किया गया है और केवल अस्पताल का जिम्मेदार कर्मचारी ही इंजेक्शन के लिए जाएगा। लेकिन  अस्पताल इस दिशानिर्देश को लागू नहीं कर रहा है, इसलिए परिजन लाइन में खड़े हैं। भले ही रिश्तेदार सुबह से इंजेक्शन पाने के लिए लाइन में खड़े हैं, लेकिन लोगों में भारी आक्रोश है क्योंकि उन्हें इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं।
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