छह बार प्लाजमा डोनेट कर मानवता की मिशाल पेश की एम्ब्रॉयडरी संचालक ने

छह बार प्लाजमा डोनेट कर मानवता की मिशाल पेश की एम्ब्रॉयडरी संचालक ने

पिछले साल जून में उनका कोरोना रिपोर्ट एक्टिव आया था, अभी और भी करेंगे प्लासमा डोनेशन

कोरोना के कारण इन दिनों शहर में प्लाज्मा की आवश्यकता बढ़ गई है लेकिन, रक्तदान जैसे आयोजन नहीं होने के कारण ब्लड बैंक में रक्त और प्लाज्मा की कमी खड़ी हुई है। ऐसे में ही कतारगाम के 35 साल के एंब्रॉयडरी कारखाना के मालिक विपुल भाई मावजीभाई विठानी ने छह बार प्लाज्मा डोनेट करके सराहनीय कार्य किया है। 
विपुल भाई मूल तौर से बोटाद जिला के निंगाला गांव के निवासी हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल जून में उनका कोरोना रिपोर्ट पॉज़िटिव आया था। तब सिविल हॉस्पिटल में 8 दिन तक उपचार के बाद वह ठीक हुए थे। तब से उन्होंने तय कर लिया था कि डोक्टर्स और मरीजों को जब उनकी जरूरत पड़ेगी तब वह मदद जरूर करेंगे। कुछ दिनों के बाद डॉक्टर की सलाह से उन्होंने कोरोना के मरीजों के लिए प्लाज्मा डोनेट करने का निर्णय लिया। 
विपुल ने बताया कि उन्होंने प्लाज्मा डोनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया। जिसके बाद उनकी एंटीबॉडी टेस्टिंग की गई। विपुल कहते है "मेरा एंटीबॉडी लेवल 9.78 आया था। तब से अब तक 6 बार प्लाजमा डोनेट कर चुका हूं। अभी 15 दिनों के बाद वह फिर से प्लाज्मा डोनेट करेंगे।
विवेक के ब्लड बैंक के इन्चार्ज डॉक्टर मयूर जरग का कहना है कि सिविल की ओर से लोगों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। प्लाज्मा लेते समय मेडिकल गाइडलाइन का पूरा पालन किया जाता है और डोनर का एंटीबॉडी स्क्रीनिंग भी किया जाता है। डॉक्टर ने कहा कि कोरोना एक बार फिर से तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में प्लाज्मा की आवश्यकता भी बढ़ गई है। सिविल हॉस्पिटल के साथ ही निजी अस्पतालों को भी प्लाज्मा दिया जा रहा है। सिविल के ब्लड बैंक के इंचार्ज डॉ मयूर जरग, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर जितेंद्र पटेल और बीटीओ संगीता वाधवानी, काजल परमहंस तथा ब्लड बैंक के अन्य कर्मी भी लोगों को प्लाजमा डोनेट के लिए प्रोत्साहित कर तैयार कर रहे हैं। जिससे कोरोना के इलाज मेन सहायता मिल सके।