सूरत : शिक्षकों को लाशें गिनने का काम सौंपे जाने वाला आदेश आखिर रद्द हुआ

सूरत : शिक्षकों को लाशें गिनने का काम सौंपे जाने वाला आदेश आखिर रद्द हुआ

अलग-अलग शिफ्ट में सौंपा गया था काम, विविध शिक्षक संघों के उग्र विरोध के चलते रद्द हुआ फैसला

सूरत सहित पूरे गुजरात में सरकारी और ग्रांटेड स्कूलों में ड्यूटी करने वाले शिक्षकों को समय-समय पर अलग-अलग प्रकार की जिम्मेदारियां दी जाते रही हैं। फिलहाल मनपा के पास स्टाफ कम हो जाने से सूरत में शिक्षकों को स्मशान गृह में लाश गिनने की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी जिसके चलते शिक्षक वर्ग में आक्रोश था। उन्होंने अपनी नाराजगी व्यक्त की और कुछ देर पश्चात ही पालिका प्रशासन को यह निर्णय वापस लेना पड़ा।
 सूरत महानगर पालिका संचालित शिक्षण समिति के रांदेर जॉन की स्कूलों के 4 शिक्षकों को जहांगीरपुरा में कुरुक्षेत्र स्मशान भूमि में अंतिम क्रिया के लिए आने वाले मृतदेहों का डाटा रखने की ड्यूटी दी गई थी। जिसमें कि शिक्षक महेश पटेल को सवेरे 6:00 से 2:00 बजे देवधरा सुरेंद्र सिंह को दोपहर 2:00 से रात के 10:00 तथा पटेल नरेंद्र और बाबू भाई देसाई को रात के 10:00 बजे से सवेरे 6 बजे तक की नौकरी दी गई थी। इसके अलावा रिलिवर के तौर पर दो शिक्षकों को नौकरी सौंपी गई थी हालांकि शिक्षकों के लिए लाश गिरने का काम शिक्षक की गरिमा को ठेस पहुंचे इस तरह का होने के कारण शिक्षकों में भारी रोष फैल गया था। उन्होंने इस बारे में अपना विरोध व्यक्त किया था।
सूरत महानगर प्राथमिक शिक्षक संघ, राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने सूरत महानगर के उच्च अधिकारियों से इस सिलसिले में गुहार लगाई थी और दोपहर को यह ऑर्डर रद्द कर दिया गया। सूरत महानगर प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता राकेश देसाई ने बताया कि कोरोना के दौरान स्कूलों के शिक्षक धनवंतरि रथ, सुरक्षा कवच, मेडिकल वितरण सहित 17 तरह की ड्यूटी निभा चुके हैं और पालिका का सहयोग भी दिया है लेकिन इस बार जो काम दिया है उससे शिक्षक की गरिमा को ठेस पहुंचती है। इसलिए हमने शिक्षणाधिकारी और अध्यक्ष को गुहार लगाने के बाद यह ऑर्डर रद्द कर दिया गया है।