सूरत : कर्मचारियों की किल्लत के बाद शिक्षकों को श्मशान गृ‌‌हों में ड्युटी पर लगाया गया

सूरत : कर्मचारियों की किल्लत के बाद शिक्षकों को श्मशान गृ‌‌हों में ड्युटी पर लगाया गया

खुद को ही करनी होगी खुद की मदद, अधिक लोगों के संपर्क में आने से बचे - कलेक्टर

सूरत में कोरोना की स्थिति अपनी भयानकता दिखा रहा है। हर दिन हो रही मौतों के कारण श्मशान में भी लाशों को जलाने के लिए वेटिंग लिस्ट चल रहा है। अश्विनीकुमार, जहांगीरपूरा और उमरा श्मशान भूमि लाशों से बाहर चुकी है। ऐसे में जानकारी मिली है की सूरत में शिक्षकों को श्मशान गृहों में ड्यूटी पर लगाया गया है। 
संदेश की रिपोर्ट के अनुसार, तंत्र के पास कर्मचारियों की काफी कमी है। इसके चलते श्मशान में मृतदेहों की संख्या गिनने की ज़िम्मेदारी सौपी गई है। सभी शिक्षकों को तीन शिफ्ट में ड्यूटी दी गई है। इसके अनुसार एक शिक्षक को 6 घंटे की ड्यूटी श्मशान में करनी रहेगी। अचानक से बढ़े मृत्यु दर के कारण तंत्र के पास स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। 
इसके अलावा सूरत के कलेक्टर धवल पटेल ने लोगों को कोरोना के सभी गाइडलाइन का अमल करने की अपील की है। कलेक्टर ने कहा हमें खुद ही अपनी मदद करनी होगी। मात्र हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर की सहायता से ही हम कोरोना के खिलाफ नहीं जीत सकते, इसके लिए सभी को अपना योगदान देना होगा। उन्होंने सभी को बिना काम के बाहर ना निकालने की और निकलने की स्थिति में मास्क पहनने की अपील की है।
कलेक्टर ने कहा रोज आने वाले मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है। ऐसे में अस्पताल में बेड कम पड़ रहे है। हमें खुद को ही अपनी मदद करनी होगी। जितना कम लोगों के संपर्क में आएगे उतना ही हमारे लिए अच्छा है। क्योंकि वर्तमान समय में भी अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या उनकी केपिसिटी से काफी ज्यादा है। 
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