सूरत : रैपिड और आरटी-पीसीआर के अलग-अलग नतीजों से असमंजस में मरीज

सूरत : रैपिड और आरटी-पीसीआर के अलग-अलग नतीजों से असमंजस में मरीज

दोनों टेस्ट के परिणाम अलग-अलग पर तंत्र ने किया अस्पताल में दाखिल, दो दिन होने के बावजूद नहीं हो रही मरीज से बात

सूरत में  कोरोना के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। ऐसे में रैपिड टेस्ट और RT-PCR के परिणाम अलग-अलग होने के बावजूद हॉस्पिटल में मरीजों को दाखिल कर लिया जाने की जानकारी आ रही है। ऐसे में मरीज असमंजस में है कि वह किस रिपोर्ट को सच माने। 
मनपा की ओर से कोरोना के नए स्ट्रेन और वैक्सिनेशन को लेकर लोगों में जागृति का कार्य किया जा रहा है। दूसरी ओर बड़े पैमाने पर लोगों का रैपिड टेस्ट और आरटी-पीसीआर टेस्ट भी कराए जा रहे हैं। कई मामलों में दोनों टेस्ट का परिणाम अलग-अलग आ रहा है। इसके कारण लोग असमंजस में हैं कि वह किस परिणाम को माने। इसके पहले द्वारा प्रशासन का कहना था कि आरटी-पीसीआर टेस्ट का परिणाम ही अंतिम माना जाएगा। लेकिन प्रशासन की ओर से दोनों परिणाम अलग होने के बावजूद लोगों को सिविल हॉस्पिटल में दाखिल कर दिया जा रहा है। 
एक के परिवारजनों ने कहा कि आरटी पीसीआर टेस्ट नेगेटिव होने के बावजूद हॉस्पिटल में दाखिल कर लिया गया और उसे कोई जानकारी भी नहीं दी जा रही। मरीजों की सुविधा के लिए शुरू किया हेल्पलाइन भी असहाय है। वह भी मददगार नहीं साबित हो रहा। एक मरीज के परीचित हिरेन कटियार ने कहा कि उनके नाना का रैपिड टेस्ट पॉजिटिव आया था। जिसके बाद 7 दिन तक उन्हें  होम क्वारंटाइन किया गया था। हालांकि उसके बाद ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण उन्हें हॉस्पिटल में दाखिल कर दिया गया है। सिविल हॉस्पिटल में उनका RT-PCR टेस्ट करवाया गया, जो नेगेटिव आया। डॉक्टर को मिलने के बाद यह कहा गया था कि एक रिपोर्ट पॉजिटिव होगा तो भी मरीज को पॉजिटिव माना जाएगा। इसके बाद वहां स्थित अन्य कर्मचारी को जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शायद कंप्यूटर में अपडेट नहीं हुआ होगा। दो दिन बीत गए हैं लेकिन मुझे नाना से बात नहीं करने दिया गया नहीं कोई अपडेट दी गई है। हम चाहते हैं कि कम से कम परिवारजनों उनकी बात तो करा दी जाए।