सूरतः कोरोना केस वृद्धि में सूरत नंबर 1, अमीरों के लिए माफी और लोगों को जुर्माना लिखा लगे बैनर

सूरतः कोरोना केस वृद्धि में सूरत नंबर 1, अमीरों के लिए माफी और लोगों को जुर्माना लिखा लगे बैनर

अमीरों को माफी और लोगों को दंड यह गुजरात मॉडल है? रांदेर क्षेत्र में बैनर लगाए गए

रांदेर क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर प्रशासन के कामकाज को लेकर रोष  
शहर में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन द्वारा लिए जा रहे निर्णय पर भी लोग नाराज हैं। लोगों में एक तरह की मानसिकता है कि चुनाव के समय हजारों लोग इकट्ठा होने पर नेताओं ने कोई एहतियात नहीं बरती। जिसकी नाराजगी लगातार लोगों के बीच दिखाई दे रही है। प्रशासन के कामकाज पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सूरत के रांदेर क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर बैनर लगाए गए हैं। जिसमें प्रसासन पर कटाक्ष करते हुए कोरोना केस वृद्धि में सूरत नंबर 1, अमीरों को माफी एवं आमजन को दंड लिखा हुआ है।  
बैनरों द्वारा आक्रोश प्रदर्शित किया गया
प्रशासन ने रात के कर्फ्यू के समय को बदल दिया है क्योंकि कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है, जिसका असर होटल व्यवसाय पर सबसे अधिक पड़ा है। सिनेमा और जिम को सामाजिक दूरी के नाम पर बंद कर दिया गया है। बैनर अब रोजगार के स्रोत पर प्रशासन का गुस्सा दिखा रहे हैं।
लोगों की भावनाएँ स्पष्ट थीं
बैनर में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि  अमीरों को माफी और जनता को दंड यह गुजरात मॉडल है?"। जिसमें लोगों की भावना साफ दिखाई दे रही है कि अगर सार्वजनिक रैलियों और जनसभाओं के दौरान भी कोरोना का परीक्षण किया गया होता, तो कोरोना के सकारात्मक मामले सूरत शहर में सामने आते। लेकिन चुनावों के दौरान कोरोना के परीक्षण में अचानक कमी कर दी गई, जिससे  सकारात्मक मामलों की संख्या कम हो गई। अब एकाएक टेस्टिंग बढ़ा दिये है, जिससे पॉजीटिव केस की संख्या बढ़ रही है। इसके लिए  निगम अधिकारी लोगों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
नेताओं ने गाइडलाइन भंग किया
निगम के अधिकारियों के अनुसार, लोगों के अनुचित तरीके से मास्क  पहनते हैं और सामाजिक दूरी नहीं रखते, जिसके कारण शहर में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। कोई भी अधिकारी यह बोलने को तैयार नहीं है कि चुनाव के दौरान राजनीतिक नेताओं ने कोरोना संक्रमण और नियंत्रण के लिए राज्य सरकार की दिशानिर्देश का उल्लंघन किया था।
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