सूरत : जानें कैसे गांजा माफिया को पुलिस ने फिल्मी स्टाइल में दबोचा

स्थानिक वेश भूषा बनाकर पुलिस ने सुनील पांडी को चकमा, ओड़ीशा में बैठकर चलाते थे गाँजा सप्लाई करने का नेटवर्क

गांजा के धंधे में कुख्यात पांडी बंधु में से सुनील पांडी को सूरत पुलिस ने 4 साल की मेहनत के बाद पकड़ लिया। एसीपी पीआर सरवैया ने बताया कि पिछले काफी समय से पुलिस सुनील पांडी को ढूंढने का प्रयास कर रही थी। सूरत और अन्य राज्यों में भी गांजा सप्लायर के तौर पर कुख्यात ओडिशा के गंजाम जिला के निवासी अनिल वृंदावन पांडी और उनका भाई सुनील पांडी कई समय से सूरत पुलिस के लिए वांटेड थे। यह दोनों उड़ीसा में बैठकर गांजा सप्लाई का नेटवर्क चलाते थे। उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस ने नेटवर्क बिछाया था।

पुलिस ने अपनी वेश भूषा बदली

दोनों भाइयों में से सुनील पांडी 2 महीने से घर पर रह रहा था। यह जानकारी मिलने के बाद क्राइम ब्रांच की टीम वहां पहुंच गई और उसे पकड़ लिया। सूरत में उसके खिलाफ वराछा में दो और सूरत रेलवे पुलिस स्टेशन में एक अपराध दर्ज है। फिलहाल उसका कब्जा वराछा पुलिस को दिया गया है। पुलिस ने सुनील पांडी को पकड़ने के लिए अपना रूप रंग बदल लिया था। स्थानिक निवासी हो इस तरह का वेश बनाकर एक बाइक भी किराए से ली थी। 

पांडी बंधु गांव के लिए हैं मसीहा

पुलिस को पता था कि रोज वह बुलेट पर अपने फार्महाउस जाता था। इस जानकारी के हिसाब से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि पांडी बंधु गांव में मसीहा के तौर पर जाने जाते हैं। गंजाम का सचिना गांव उन्होंने गोद किया है। इस गांव के कई लोग इस प्रकार के धंधे में शामिल है। सूरत में गधा पांडी, मनोज पांडी,
विरेन्द्र मालिया और गोपी उसका नेटवर्क संभालते हैं।
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