गुजरात : वलसाड के इस गांव के लोगों ने किया चुनाव का बहिष्कार

गुजरात : वलसाड के इस गांव के लोगों ने किया चुनाव का बहिष्कार

नेताओं को प्रचार के लिए आने से मना किया

 वलसाड जिले के तुंब गांव के लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया है। 50 से अधिक परिवारों ने 'नो रोड, नो वोट' के नारे लगाकर चुनाव बहिष्कार करने की धमकी दी है। यहां के लोग सालों से सड़क की मांग कर रहे हैं। इस फलिया में सड़क नहीं बनने से लोगों को परेशानी हो रही है। अनेकों बार उच्चतम स्तर पर सड़क के लिए गुहार लगाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिससे लोग 'सड़क नहीं तो वोट नहीं' के नारे लगाकर विरोध कर रहे हैं।  स्थानीय लोगों ने किसी भी राजनीतिक दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं के चुनाव प्रचार में आने पर रोक लगा दी है। 

सालों से की जा रही मांग पूर्ण न होने पर चुनाव का बहिष्कार


वलसाड जिले के उमरगाम तालुका के तुंब गांव के लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया है। फलिया में सालों से सड़क की मांग कर रहे 50 से ज्यादा परिवारों ने इस बार 'सड़क नहीं तो वोट' के नारे के साथ चुनाव का बहिष्कार किया है। जिससे राजनीतिक दलों के नेता भी प्रशासनिक महकमें में भी हड़कंप मच गया है। गौरतलब है कि तुंब गांव के अहीर फलिया में 50 से अधिक परिवार रहते हैं। सालों तक इस जगह पर पहुंचने के लिए सड़क की परेशानी होती है। इस क्षेत्र में सड़क नहीं बनने से लोगों को परेशानी हो रही है।

लोगों को हो रही भारी परेशानी


इस क्षेत्र में सड़क नहीं होने के कारण सालों से लोगों को वर्षा ऋतु में परेशानी का सामना करना पड़ता है। सड़क नहीं होने से लोगों को जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक पार करना पड़ रहा है। इससे पहले लोगों ने सड़क के लिए राजनीतिक दलों और संबंधित विभागों के नेताओं को कई बार अभ्यावेदन दिया था। लेकिन अभी भी लोगों की मांग को पूरा करने के लिए फलिया तक पहुंचने का रास्ता नहीं बनाया गया है। इसलिए चुनाव के समय लोगों ने मौका देखा और इस बार चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया।

निर्णय पर टिके रहने का संकल्प


फलिया में 'नो रोड, नो वोट' के नारे वाले बैनर लगाए गए हैं। फलिया में किसी भी राजनीतिक दल के नेताओं या कार्यकर्ताओं के चुनाव प्रचार के लिए आने पर रोक लगा दी गई है। इस प्रकार अहीर फलिया में लोगों ने 'नो रोड नहीं तो वोट नहीं' के नारे के साथ चुनाव का बहिष्कार करने की जानकारी होते ही प्रशासन भी हरकत में आ गई है। हालांकि, लोग अपनी मांगें पूरी होने तक नो रोड, नो वोट के नारे के साथ अपने फैसले पर अडिग रहने का संकल्प व्यक्त कर रहे हैं।
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