गुजरात : किसान फिर से लड़ने के मूड में! गांधीनगर में हुई बैठक

गुजरात : किसान फिर से लड़ने के मूड में! गांधीनगर में हुई बैठक

25 अगस्त से किसान गांधीनगर में अनिश्चितकालीन धरना देंगे

 राज्य में किसान संकट में हैं। विधानसभा चुनाव के समय किसानों को रिझाने के लिए बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद कोई हल नहीं निकलता। गुजरात समेत देश के किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा किया जाता है, लेकिन चुनाव खत्म होते ही नेता किसानों से किये वादे भूल जाते हैं। उनकी मांग को पूरा करने के लिए किसान संघ के प्रवक्ता ने किसानों के सवाल पेशकस की है। हालांकि, नेताओं पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है। प्रदेश में बिजली की समान दर को लेकर किसानों ने सरकार के खिलाफ बाहें चढाई हैं। इस मामले में अब भारतीय किसान संघ भी आगे आया है।
इस बात की जानकारी के अनुसार भारतीय किसान संघ ने गांधीनगर में विशेष बैठक बुलाई थी। जिसमें भारतीय किसान संघ ने समान बिजली दरों के मुद्दे पर बैठक का आयोजन किया। पिछले छह माह से बिजली का मामला सरकार के सामने रखा गया है। लेकिन इस संदर्भ में कोई निराकरण नहीं आया है। 
किसान संघ के प्रवक्ता का बयान
किसान संघ के प्रवक्ता आरके पटेल ने कहा, किसान संघ ने समान बिजली दर के मुद्दे पर सरकार के सामने पेश किया है। लगातार प्रस्तुतीकरण किया जा रहा है। लेकिन इसका कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिल रहा है। हमने तालुका स्तर पर धरना दिया और याचिका दायर की। तब सरकार ने 4 मंत्रियों की बैठक कर आश्वासन दिया था। एक महीना हो गया है, लेकिन फिर भी कुछ नहीं हुआ।
किसानों की मांग
आरके पटेल ने आगे कहा कि भारतीय किसान संघ की ओर से सरकार से तबेला में भी कमर्शियल भाव दूर करने को कहा गया है। इसके अलावा मीटर जलने पर किसानों से शुल्क नहीं वसूला जाएगा। पंचायत से लेकर संसद तक बीजेपी है। लेकिन किसानों की सुनने वाला कोई नहीं है। परंतु अब ऐसा नहीं होगा। 25 अगस्त से किसान गांधीनगर में अनिश्चितकालीन धरना देंगे। उधर, किसान संघ के प्रवक्ता द्वारा किसानों को लेकर दिए गए बयान पर गुजरात कांग्रेस की प्रतिक्रिया सामने आई है। गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने एक बयान में कहा कि किसान संघ जो आज बात कर रहा है, वह सिर्फ चुनाव के समय बात कर रहा है। किसान कांग्रेस किसानों के लम्पी, ताउते चक्रवात का मुद्दा उठाया। इतना ही नहीं, सरकार द्वारा कृषि बीज और उपकरणों पर लगाए जाने वाले कर का भी मुद्दा उठाया गया। लेकिन मेरा सवाल यह है कि कांग्रेस की सरकार में किसानों की लाशों को ट्रैक्टरों में लेकर घूमने वाली किसान संघ इस समय कहां गया? कहां गया विचारधारा?
जगदीश ठाकोर ने कहा कि बीजेपी के 27 साल के शासन में किसान मर रहा है, आत्महत्या कर रहा है। किसानों के पास अपने बेटों को पढ़ाने या अपनी बेटियों की शादी कराने की कोई व्यवस्था नहीं है। किसानों की अर्थव्यवस्था टूट चूक है, तो बात नहीं कर बाहर आएं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि किसान संघ भाजपा सरकार के खिलाफ किसानों के लिए आंदोलन करेगा।
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