गुजरात : पासपोर्ट कचहरियों में अचानक डिमांड बढ़ गई है!

गुजरात : पासपोर्ट कचहरियों में अचानक डिमांड बढ़ गई है!

कोरोना के कारण दो साल से कही घुमने ना जा पाने के बाद अब विदेशों की ओर रुख कर रहे हैं लोग

कोरोना के संक्रमण के दो साल बाद अब सरकारी कर्मचारी और व्यवसायी विदेश यात्रा की योजना बना रहे हैं। साथ ही स्कूलों में छुट्टी के माहौल को देखते हुए लोग यात्रा की योजना बना रहे हैं. इन सबके मद्देनजर पासपोर्ट कार्यालय में अचानक ही भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. वर्तमान में प्रतिदिन 1500 से अधिक फाइलों का निस्तारण किया जा रहा है।
आपको बता दें कि वर्ष 2020 और 2021 में गुजरात में कोरोना के संक्रमण के कारण विदेशों के लिए उड़ानें बंद कर दी गईं और परिणामस्वरूप गुजराती परिवार विदेश नहीं जा सके। दुनिया भर के पर्यटन स्थल भी बंद थे लेकिन अब लोग विदेश यात्रा की योजना बना रहे हैं। सचिवालय में काम करने वाले कर्मचारियों ने विदेश में भी योजना बनाना शुरू कर दिया है। ऐसे में पासपोर्ट सहायता केंद्रों पर पासपोर्ट के काम को लेकर वृद्धि हुई है। पहले अपॉइंटमेंट अगले दिन प्राप्त हुए थे। इसके बजाय अब हमें दो-तीन दिन इंतजार करना होगा। पासपोर्ट सहायता केंद्रों पर बड़ी संख्या में आवेदक आ रहे हैं। विदेश यात्रा के अलावा विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों की आमद भी बढ़ रही है।
आपको बता दें कि सामान्य दिनों में भी, गुजरात पासपोर्ट कार्यालय द्वारा सालाना 600,000 से अधिक पासपोर्ट जारी किए जाते हैं। हालांकि, दो साल तक चली महामारी के कारण पासपोर्ट कार्यालय लंबे समय तक बंद रहा। पासपोर्ट कार्यालय और सहायता केंद्र सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार स्थापित किए गए थे और नियुक्तियां केवल उन्हीं को दी गई थीं जिन्हें अपरिहार्य परिस्थितियों में पासपोर्ट प्राप्त करने की आवश्यकता थी। अब महामारी नियंत्रण कार्यालय पूरी तरह से चालू हैं। उधर, दुनियाभर के तमाम देशों ने भी प्रतिबंध हटाकर अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू कर दी हैं। जब सचिवालय में लगातार तीन छुट्टियां होती हैं, तो ज्यादातर कामकाजी परिवार राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और दक्षिणी राज्यों में जाना पसंद करते हैं लेकिन अब विदेश जाने का क्रेज बढ़ता जा रहा है। गुजरात में पासपोर्ट कार्यालय फिर से तेजी से काम कर रहे हैं।
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