वापी : बांद्रा-पटना ट्रेन में प्लेटफोर्म की उलटी दिशा से चढ़ने के चक्कर में दो प्रवासी श्रमिकों ने जान गंवाई!

वापी : बांद्रा-पटना ट्रेन में प्लेटफोर्म की उलटी दिशा से चढ़ने के चक्कर में दो प्रवासी श्रमिकों ने जान गंवाई!

2009 में ही एक ऐसा ही हादसा हुआ था जिसमें पांच यात्रियों की जान गई थी

रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफार्म के उल्टी तरफ से ट्रेन में सवार होने के चक्कर में कई लोग जान गवा चुके हैं। ऐसा ही एक हादसा सोमवार को गुजरात के वापी शहर में हुआ है। इस दुर्घटना में बिहार अपने वतन जा रहे दो श्रमिकों की मौत हो गई।
घटना के संदर्भ में प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार रात को 10:00 बजे के आसपास बांद्रा से पटना जा रही एक्सप्रेस ट्रेन वापी स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची थी। जैसा कि आमतौर पर देखा जाता है उत्तर भारत की ओर जाने वाली गाड़ियों के समय पर जातियों के उपरांत उन्हें छोड़ने आने वाले रिश्तेदारों की तादाद भी काफी रहती है। इस कारण प्लेटफार्म पर काफी भीड़ थी। यात्री चैप्टर नंबर 1 से ट्रेन में चढ़ने का प्रयास कर रहे थे। इसी क्रम में 2 यात्री प्लेटफार्म की उलटी दिशा में यानी कि प्लेटफार्म नंबर 2 से पटरी पर उतरे यह सोचकर कि वह जल्दी से ट्रेन में चढ़ जाएंगे। दोनों जैसे ही पटरी पर उतरे और बांद्रा पटना एक्सप्रेस की तरफ पटरी लांघ कर आगे बढ़ रहे थे, तभी सूरत की ओर से आने वाली मडगांव गोल्डन एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में दोनों आ गए। एक युवक की तो ट्रेन की टक्कर से घटनास्थल पर ही मौत हो गई। जबकि दूसरे युवक को गंभीर चोट पहुंची।
इस हादसे के बाद रेलवे स्टेशन पर मानो अफरा-तफरी मच गई। तुरंत घायल युवक को सरकारी अस्पताल में ले जाया गया जहां उसकी भी चिकित्सा के दौरान मौत हो गई। वापी रेलवे पुलिस की टीम ने स्थल पर पहुंचकर मृतक युवक युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
प्रतिकात्मक तस्वीर
आपको बता दें कि संघ के प्रदेश दमन और सिलवास सहित समग्र वलसाड जिले में रहने वाले प्रवासियों के लिए अपने वतन यूपी और बिहार जाने के लिए वापी रेलवे स्टेशन सबसे सुलभ रहता है। उत्तर भारत जाने के लिए कुछ ट्रेनें वलसाड से भी रवाना होती है तो कुछ वापी स्टेशन से। सोमवार की घटना के दिन क्योंकि वापी स्टेशन से बांद्रा पटना एक्सप्रेस चलने वाली थी यात्रियों की बेतहाशा भीड़ प्लेटफार्म पर जमा हो गई थी।
गौरतलब है की प्लेटफॉर्म के उल्टी दिशा से ट्रेन में चढ़ने के कारण हादसे का यह कोई पहला मामला नहीं है। 2009 में भी सोमवार के ही दिन शाम को इसी प्रकार की एक घटना हुई थी जिसमें रॉन्ग साइड से ट्रेन में चढ़ने के चक्कर में 5 यात्री ट्रेन की चपेट में आकर मारे गए थे। रेलवे प्रशासन यात्रियों को काफी सचेत भी करता है कि वह इस प्रकार का दुस्साहस ना किया करें। लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसी घटनाएं बंद नहीं हो रही है।