गुजरात : पाटन के रिक्शाचालक ने दिखाई अभूतपूर्व प्रामाणिकता, ढाई लाख के गहनों से भरा बैग मालिक को किया वापिस

गुजरात : पाटन के रिक्शाचालक ने दिखाई अभूतपूर्व प्रामाणिकता, ढाई लाख के गहनों से भरा बैग मालिक को किया वापिस

रेल्वे स्टेशन जाते वक्त हड़बड़ी में रिक्शा में ही दंपत्ति गहनों से भरा बैग भूल गया था

आज के इस कलियुग में जहां मनुष्य पैसों के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार होता है। पैसों के पीछे कई बार मनुष्य अपनी मानवता भी पीछे छोड़ देता है। हालांकि आज के इस युग में भी प्रामाणिकता और ईमानदारी जैसे लक्षणों वाले मनुष्य भी समाज में मौजूद है। इसी बात का प्रत्यक्ष उदाहरण देखने मिला जब पाटन के एक रिक्शा चालक ने गहनों से भरा एक बैग उसके मूल मालिक को वापिस लौटा दिया। रिक्शाचालक की इस ईमानदारी की पूरे इलाके में हर कोई तारीफ़ कर रहा है। 
विस्तृत जानकारी के अनुसार, पाटन के मोतिशा दरवाजा इलाके में रहने वाले और रिक्शा चलाकर अपने परिवार का गुजारा चलाने वाले रिक्शाचालक को उसकी रिक्शा में सोने के गहने और नकद से भरा बैग सहज भी विचलित हुए बिना उसके मूल मालिक को वापिस देकर प्रामाणिकता का उदाहरण दिया था। 
विस्तृत जानकारी के अनुसार, पाटन के मोतीसरा में रहने वाले आईटीआई के रिटायर आचार्य महेंद्रभाई सोलंकी और अपनी पत्नी सविताबेन तथा पुत्र नीरव के साथ सुबह के समय रिक्शा में बैठ कर रेलवे स्टेशन आए थे। निकलते वक्त वह ढाई लाख की कीमत के दो मंगलसूत्र, दो अंगूठी और एक मोबाइल तथा ढाई हजार रुपए रिक्शा में ही भूल गए थे। जिसके बड़ा रिक्शाचालक वहाँ से किराया लेकर वहाँ से निकल गए थे। हालांकि जब महेंद्रभाई और सविताबेन जब ट्रेन में बैठे तब उन्हें उनके बैग के गुम होने का ख्याल आया। वहीं दूसरी तरह रिक्शाचालक विनोद को भी उस रिक्शा में पड़े बैग पर नजर गई। जिसके चलते वह फिर से रेलवे स्टेशन के बाहर आकर खड़े हो गए और उनका इंतजार करने लगा। 
इसी दौरान विनोद को आचार्य का पुत्र नीरव दिखा, जिसे विनोद ने वह बैग वापिस लौटा दिया। जब दंपत्ति वहाँ आया तो उन्होंने बैग में सब कुछ सही पाया। जिसके चलते दंपत्ति ने विनोद को इनाम के स्वरूप में कुछ पैसे देने का आग्रह किया। हालांकि इस पर उन्होंने मना करते हुये कहा कि उन्हें उनके किराये के पैसे मिल गए है और यही उनके लिए पर्याप्त है। विनोद की महानता, प्रामाणिकता और मानवता देखकर महेंद्रभाई और सविताबेन भी काफी भावुक हो गए थे और उनकी ईमानदारी की तारीफ की थी।