पाटीदार आंदोलन के दौरान हुये दंगों में हार्दिक को मिला कोर्ट का स्टे, लड़ सकेंगे विधानसभा 2022 का चुनाव

पाटीदार आंदोलन के दौरान हुये दंगों में हार्दिक को मिला कोर्ट का स्टे, लड़ सकेंगे विधानसभा 2022 का चुनाव

गुजरात में साल 2015 के दौरान हुये पाटीदार आंदोलन के दौरान हुये दंगों के बीच विसनगर में हुई तोड़फोड़ के मामले में हार्दिक पटेल पर हुये केस में उनके लिए राहत के समाचार सामने आए है। साल 2019 में उनके ऊपर केस के बाद हार्दिक ने चुनाव लड़ने के लिए अनुमति मांगी थी, जिस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हार्दिक को स्टे दिया है। सुप्रीम कोर्ट की राहत के बाद हार्दिक पटेल अब विधानसभा 2022 के चुनावों में हिस्सा ले सकेंगे। 
हार्दिक पटेल ने साल 2015 में पाटीदार समाज के अनामत को लेकर हुये आंदोलन का नेतृत्व किया था। आंदोलन के कारण हुई हिंसा में भाजपा के विधायक की ऑफिस में भी तोड़फोड़ हुई थी। जिस मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा तोडफोड के मामले में हार्दिक को आग लगाने, संपत्ति को नुकसान पहुँचना और गेरकानूनी तरीके से भीड़ जमा करने के मामले में दोषी घोषित किया गया था। 
हार्दिक ने इस निर्णय के सामने हाईकोर्ट में स्टे मांगा था, जिससे की वह 2019 के चुनाव लड़ सके। हालांकि हाईकोर्ट ने यह आवेदन ठुकरा दिया था। जिसके बाद हार्दिक ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दर्ज की थी। हार्दिक के वकील ने कहा कि उन्हें चुनाव ना लड़ने देना उनके अधिकारों का उल्लंघन है। वह कोई हत्यारा नहीं है। पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हार्दिक को दोषी करार करने में स्टे दिया है।