हर तरफ पिसता आम आदमी; गुजरात सरकार की बिजली वितरण कंपनियां हर तीन महीनों में प्रति यूनिट 10 पैसे बढ़ा सकती हैं!

हर तरफ पिसता आम आदमी; गुजरात सरकार की बिजली वितरण कंपनियां हर तीन महीनों में प्रति यूनिट 10 पैसे बढ़ा सकती हैं!

पेट्रोल-डीजल, सब्जियां, एलपीजी गैस के बाद अब बढ़ सकते है बिजली के रेट, मध्यम वर्ग पर पड़ सकता है एक और बोझ

आम जनता पर एक बार फिर महंगाई की मार पड़ सकती है। पेट्रोल-डीजल, सब्जियां, एलपीजी गैस के बाद अब बिजली के रेट भी बढ़ सकते हैं। एफपीपीए फॉर्मूले के तहत गुजरात की सभी बिजली वितरण कंपनियां हर तीन महीने में बिजली दरों में कम से कम 10 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी कर सकती हैं। उसे हर तीन महीने में जर्क को फिर से शुरू करना होगा ताकि वृद्धि को मंजूरी मिल सके। अगर ऐसा होता है तो मध्यम वर्ग पर एक और बोझ पड़ सकता है। महंगाई बढ़ने से गृहणियों का बजट पहले ही डामाडोल हो चुका है। ऐसे में अगर बिजली के रेट बढ़ते हैं तो आम आदमी के लिए घर चलाना वाकई मुश्किल हो जाएगा।
बता दें कि एफपीपीए फॉर्मूले के तहत गुजरात की सभी बिजली वितरण कंपनियां हर तीन महीने में बिजली दरों में कम से कम 10 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी कर सकेंगी, भले ही वह कीमतों में बढ़ोतरी की मांग न करे। कंपनियां प्रति यूनिट प्रति वर्ष 40 पैसे की वृद्धि के लिए आवेदन कर वृद्धि की मांग कर सकेंगी। यदि ईंधन की लागत 10 पैसे से अधिक बढ़ जाती है, तो उसे हर तीन महीने में वृद्धि को मंजूरी दिलाने के लिए फिर से जर्क देना होगा।
उल्लेखनीय है कि उत्तर गुजरात, दक्षिण गुजरात, मध्य गुजरात और पश्चिम गुजरात ने 2022-23 के लिए गुजरात विद्युत नियामक आयोग के समक्ष अपनी टैरिफ याचिकाओं में कोई मूल्य वृद्धि की मांग नहीं की है। अहमदाबाद और सूरत को बिजली सप्लाई करने वाली टोरेंट पावर को भी इस सुविधा से फायदा होगा। हालांकि, टोरेंट पावर ने बिजली दरों में किसी तरह की बढ़ोतरी की मांग नहीं की है।
Tags: Gujarat