गुजरात : समाज के सभी वर्गों के उन्नत विकास की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता जनोन्मुखी बजट : मुख्यमंत्री

गुजरात : समाज के सभी वर्गों के उन्नत विकास की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता जनोन्मुखी बजट : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने जताया भरोसा, ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ के केंद्रीय विचार के साथ समाज के सभी वर्गों को शामिल करने वाला यह बजट ऐतिहासिक सिद्ध होगा

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात के वर्ष 2022-23 के बजट का किया स्वागत
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार को वित्त मंत्री  कनुभाई देसाई द्वारा गुजरात विधानसभा में वर्ष 2022-23 के लिए पेश किए गए बजट को संतुलित, सर्वग्राही, सर्वसमावेशी और समाज के सभी वर्गों के उन्नत विकास की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाने वाला जनोन्मुखी बजट करार दिया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने विश्वास व्यक्त किया कि ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ के केंद्रीय विचार के साथ समाज के सभी वर्गों को शामिल करने वाला यह बजट ऐतिहासिक सिद्ध होगा। उन्होंने यह भरोसा भी जताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जब देश ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है, ऐसे में यह बजट ‘आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को साकार करेगा। उन्होंने कहा कि देश के ग्रोथ इंजन गुजरात का यह बजट किसानों, युवा रोजगार, मछुआरों, आदिवासियों, गरीबों, वंचितों सहित समाज के सभी वर्गों के समग्र उत्थान की अनेक योजनाओं वाला बजट है। 
उन्होंने आगे कहा कि गत वर्ष की तुलना में 17 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी के साथ 2 लाख 44 हजार करोड़ रुपए का यह बजट गुजरात के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा और बिना किसी नए कर के प्रस्ताव वाला, अधिशेष बजट यानी बचत का बजट प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के अनुरूप बजट है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि किसानों को बुवाई से लेकर बिक्री तक खेत उत्पादों का लाभकारी मूल्य मिले। किसानों को बिजली सब्सिडी तथा कच्छ जैसे क्षेत्रों के लिए सिंचाई की सुविधाओं का भी इस बजट में ख्याल रखा गया है। 
मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन, मधु (शहद) क्रांति के लिए 10 हजार नए किसानों को सहायता, किसानों को रबी एवं ग्रीष्मकालीन फसलों के लिए ब्याज सहायता की योजना आदि किसान उन्मुख बजटीय प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि किसानों के हितों को समर्पित राज्य सरकार ने बजट में किसानों के लिए बुवाई से बिक्री तक के प्रोत्साहक कदम उठाए हैं। 
श्री पटेल ने गौ, गंगा, गीता और गायत्री के आधार स्तंभ पर खड़ी भारतीय संस्कृति का जिक्र करते हुए गोधन संरक्षण और संवर्धन की ‘मुख्यमंत्री गौ माता पोषण योजना’ का स्वागत किया और कहा कि इस योजना से पिंजरापोल और गौशाला में रहने वाले पशुओं व गोवंश के रखरखाव को नया बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि गुजरात के युवाओं को ‘माइंड टू मार्केट’ की अवधारणा से इनोवेशन यानी नवाचार और उद्यमिता की दिशा में प्रोत्साहित करने के लिए बजट में पांच साल के लिए 300 करोड़ रुपए और उसके तहत अगले वर्ष के लिए 60 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। 
उन्होंने नवसारी जिले में पीएम मित्र योजना के अंतर्गत अत्याधुनिक सुविधाओं वाले टेक्सटाइल पार्क, मोरबी में विश्वस्तरीय सहूलियत वाले इंटरनेशनल सिरामिक पार्क और कौशल विकास के लिए नया आयुक्तालय स्थापित करने के आयोजन तथा युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए 51 नए भविष्योन्मुखी पाठ्यक्रम शुरू करने के बजटीय प्रावधानों की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि किशोरियों तथा गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण को बेहतर बनाने के लिए इस बजट में ‘सुपोषित माता, स्वस्थ बालक’ योजना लेकर आए हैं। 
‘सुपोषित माता, स्वस्थ बालक’ योजना के तहत प्रति परिवार प्रतिमाह 1 किलो अरहर दाल, 2 किलो चना और 1 लीटर खाद्य तेल मुफ्त दिया जाएगा 
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों के पोषण के लिए 1000 दिनों तक प्रति परिवार प्रतिमाह 1 किलो अरहर दाल, 2 किलो चना और 1 किलो खाद्य तेल मुफ्त प्रदान करने से ‘हजार दिवसनी काळजी, मां-बाप जीवनभर रहे राजी’ अर्थात ‘हजार दिनों की देखभाल, मां-बाप जीवन भर रहे खुशहाल’ का लक्ष्य पूरा होगा। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में गर्भवती माताओं को पूरक पोषण के लिए ‘पोषण सुधा योजना’ का दायरा बढ़ाकर और 72 तहसीलों में इसे क्रियान्वित करने के लिए 118 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में ऑनलाइन बैंकिंग, ई-कॉमर्स और ऑनलाइन शिक्षा आदि के लिए 2 वर्ष में 500 नए मोबाइल टावर लगाने के लिए 100 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। श्री पटेल ने कहा कि 25 बिरसा मुंडा ज्ञान शक्ति रेजिडेंशियल स्कूल ऑफ एक्सीलेंस और आदिवासी युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने 8 नए एमएसएमई जीआईडीसी एस्टेट का गठन करने के प्रावधान वनबंधु को विश्वबंधु बनाने की राज्य सरकार की मंशा को पूरा करेंगे। 
मछुआरे और पशुपालकों को कृषि के समान अल्पकालीन ऋण पर ब्याज राहत दी जाएगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1600 किलोमीटर लंबे समुद्र तट वाले गुजरात के मछुआरा बंधुओं और पशुपालकों को कृषि के समान अल्पकालीन ऋण पर ब्याज राहत दी जाएगी। मछुआरों के लिए बजट में इस उद्देश्य से 75 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि मछुआरा बंधुओं को बोट के लिए मिलने वाले रियायती दर के डीजल की सीमा में प्रत्येक स्तर पर 2 हजार लीटर की बढ़ोतरी तथा हाईस्पीड डीजल बोट राहत योजना के लिए 230 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। राज्य के पांच नए बारहमासी बंदरगाहों के विकास और मत्स्योद्योग केंद्रों के निर्माण की योजना के लिए 201 करोड़ रुपए आवंटित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि समाज की कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति को भी विकास के फल प्राप्त हों। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के वैश्विक विकास की जो राह बनाई है, उस पर आगे बढ़ाने का संकल्प इस बजट में निहित है। 
Tags: