
गुजरात : साथ जीने-मरने की कसम इसे कहते हैं; पति गुजरे ही थे की पत्नी भी चल बसी!
By Loktej
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100 साल का होने के बाद भी काफी स्वस्थ जीवन जी रहे थे पथुभा, अपनी मृत्यु के बाद किसी तरह का शोक ना करने का किया था अनुरोध
कहते है पति-पत्नी का रिश्ता सात जन्मों का होता है। हालांकि काफी कम लोग होते है, जो की इस रिश्ते की सच में मिसाल बन जाते है। ऐसी ही एक मिसाल है गुजरात का यह जोड़ा, जो मरते वक्त भी नहीं टूटा। हमेशा साथ जीने-मरने की कसम खाने वाला यह जोड़ा मरते वक्त भी एक दूसरे के साथ ही मृत्यु को प्राप्त हुये। विस्तृत जानकारी के अनुसार, मोरबी के सादुलका में रहने वाले पथुभा झाला नाम के बुजुर्ग ई कुछ दिन पहले मौत हो गई थी।
घर के बुजुर्ग की मौत हो जाने के कारण घर में सभी काफी दुखी थे। पिता की मौत के चलते घर वाले उनकी अंतिम यात्रा की तैयारी कर रहे थे। हालांकि अंतिम यात्रा श्मशान तक पहुंचे उसके पहले ही उनकी पत्नी की तबीयत भी बिगड़ गई। पथुभा की पत्नी विलासबा ने भी अपनी जीवनलीला पूर्ण कर ली और पति के साथ ही परलोक सिधारने के लिए निकल पड़ी। गाँववालों के अनुसार खेती का काम करने वाले और पूरी जिंदगी गाँव में रहने वाले पथुभा 100 साल के थे और आज भी काफी स्वस्थ है। उनकी स्मरणशक्ति भी काफी अच्छी थी और साथ में उनकी पत्नी भी काफी स्वस्थ थी।
पथुभा ने अपनी जिंदगी काफी अच्छे से गुजारी थी और इसलिए ही उन्होंने अपने घर पर सभी परिजनों को कहा था की उनकी मृत्यु पर किसी भी तरह का शोक ना मनाया जाएँ। उन्होंने अपनी जिंदगी काफी अच्छे से निकाली है।
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