
पाटण : महज 8 साल पहले 50 करोड़ में तैयार ये आयुर्वेदिक कॉलेज आज हो चुका है जर्जर
By Loktej
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गुजरात उच्च न्यायालय ने सरकार से माँगा जवाब
गुजरात उच्च न्यायालय ने आज 2013 में बने पाटण आयुर्वेदिक कॉलेज को लेकर दायर एक गैर-प्रकटीकरण याचिका पर सुनवाई की। 2013 में बना ये कॉलेज किसी भी प्राधिकरण को सौंपे बिना एक जर्जर स्थिति में पहुंच गया।
गौरतलब है कि 50 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बना आयुर्वेदिक कॉलेज आज जर्जर हालत में है। अधिवक्ता ममता व्यास ने इस मुद्दे पर अधिक जानकारी देते हुए बताया कि 50 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बने आयुर्वेदिक कॉलेज को वर्षों से किसी प्राधिकरण को नहीं सौंपा गया है। इसके चलते आयुर्वेदिक कॉलेज की हालत समय-समय पर खराब होती रही है। साथ ही उसकी खिड़की-दरवाजे भी चोरी कर लिए गए हैं। इसमें सरकार ने अब हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया है कि नया खर्च होने पर भवन को चालू किया जा सकता है। निकट भविष्य में मामले को आगे की सुनवाई के लिए लिया जाएगा।
अदालत ने सरकार से सवाल किया कि जनहित याचिका में स्पष्ट आरोपों के बावजूद सरकार ने उचित जवाब क्यों नहीं दिया। अदालत ने याचिका में फोटो के साथ पूरा विवरण दिया, हालांकि सरकार को जवाब संतोषजनक नहीं लगा। अदालत ने आगे सरकार से कहा कि वह अदालत को एक हलफनामा पेश करे जिसमें स्पष्ट विवरण हो कि वह किस कीमत पर बहुमंजिला इमारत को फिर से संचालित करना चाहती है। फिलहाल कोर्ट सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं है।
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