गुजरात : सिविल अस्पताल में शरीर के बाहर दिल लेकर पैदा हुआ बालक, लोगों में फैला आश्चर्य

दस लाख में से एक बालक में देखने मिलता है यह केस

गुजरात के हिंमतनगर सिविल अस्पताल के गायनेक विभाग में शरीर के बाहर हृदय के साथ पैदा हुए एक बालक के कारण लोगों में काफी आश्चर्य फैला था। शरीर के बाहर दिल के साथ पैदा हुये बालक को तुरंत ही अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल में रिफर किया गया था। हिंमतनगर सिविल में पहली बार ऐसा केस सामने आया था, जिसके चलते लोगों में भी काफी आश्चर्य हो गया था। अस्पताल के आरएमओ ने बताया की हर दस लाख पर एक बालक इस तरह से देखने मिल सकता है। 
RMO डॉ एन एम शाह ने केस की जानकारी देते हुये कहा कि बालक के माता-पिता को भी इस बारे में जानकारी थी। इसलिए बालक को तुरंत ही अहमदाबाद कि अस्पताल में रिफर किया गया था। इस तरह से दिल के शरीर के बाहर लेकर बालक के जन्म की स्थिति को एक्टोपिया-कोरडिस के नाम से जाना जाता है। 
एन एम शाह ने कहा की इस तरह के केसों में सर्जरी कर के बालक के हृदय को उसके स्थान पर पहुंचाया जाता है। जब तक बालक ऑपरेशन रूम ना पहुंचे तब तक उसके हृदय की सतह बिलकुल भी सुखनी नहीं चाहिए। इसके अलावा इस दौरान उस पर किसी भी तरह का इन्फेक्शन ना फैले इसका भी खास ध्यान रखना होता है।

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