
मोरबी : घर में आई तीसरी बेटी तो पिता ने किया कुछ ऐसा जिसने समाज को दिखाई राह
By Loktej
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भगवान का आशीर्वाद मानकर खुले दिल से किया स्वागत, रिश्तेदारों और दोस्तों ने जमीन के लिए दान किये लाखों
घर की बेटियों को लक्ष्मी और देवी शक्ति मानने वाले इस समाज में भले ही बेटे की इच्छा सर्वोपरि है पर इसका अर्थ ये नहीं कि बेटियों का कोई सम्मान नहीं है। आज के समय में बेटियों के प्रति पुराने मानदण्ड और मानसिकता में बड़ा बदलाव आया है। अधिकांश शिक्षित और बुद्धिमान परिवार के सदस्य बेटे की तरह ही बेटी के जन्म का जश्न मनाते हैं। इतना ही नहीं, वह अपने बेटे की तरह ही अपनी बेटी का पालन-पोषण करते है। यह बदलाव आज समाज के लिए एक नई और क्रांतिकारी पहल के सामने भी आया है। ऐसे में मोरबी में एक प्रजापति परिवार ने समाज के लिए मिसाल पेश करते हुए घर दो बेटियों के होने पर भी जब तीसरी बेटी का जन्म हुआ तो उसे भगवान का आशीर्वाद समझकर उसके दिल से लगा लिया।
इतना ही नहीं हदमतिया के नकलंक धाम की भूमि दान के लिए 2,22,222 रुपये का अनुदान दिया गया है। जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर भगवान के आशीर्वाद स्वरूप नितिनभाई के घर आई लक्ष्मीजी का स्वागत किया गया था। प्रजापति के परिवार और दोस्तों ने उत्साह से बेटी के जन्म का जश्न मनाया।
इतना ही नहीं, नितिनभाई के दोस्तों ने लक्ष्मी के आगमन पर टंकारा के हड़मतिया ग्राम में समस्त वरिया प्रजापति समाज की आस्था के केंद्र नकलंकधाम के स्थान के लिए जमीन के लिए लाखों का अनुदान दिया। इस प्रकार इस परिवार ने पुत्र-पुत्री समानता की एक उत्तम मिसाल पेश की है।
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