गुजरात में शराबबंधी के नियम को चुनौती देने वाली PIL पर हाईकोर्ट ने दिया महत्वपूर्ण निर्णय

गुजरात में शराबबंधी के नियम को चुनौती देने वाली PIL पर हाईकोर्ट ने दिया महत्वपूर्ण निर्णय

अन्य राज्यों से शराब पीकर गुजरात में घुसने को लेकर पुलिस द्वारा रोके जाने को लेकर भी दर्ज की गई है पीआईएल

हाईकोर्ट ने एडवोकेट द्वारा उठाई गई आपत्ति को भी खारिज करते हुये कहा कि याचिका कर्ताओं को सुप्रीम कोर्ट में आवेदन करना होगा। इससे पहले कि सुनवाई में याचिकाकर्ताओं ने शराबबंदी के मुद्दे पर हाईकोर्ट के समक्ष आवेदन किया था कि एक व्यक्ति घर की चार दीवारी के अंदर व्यक्ति क्या खाता है या क्या नहीं, उस पर रोक लगाने का सरकार को अधिकार नहीं होना चाहिए। 
याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत किया गया की सरकार द्वारा शराब पीकर अन्य राज्य में से गुजरात आने में भी रोक लगा कर रखी है। जिन राज्यों में शराब पीने की अनुमति है, वहाँ से शराब पीकर आने वाले लोगों के खिलाफ कार्यवाही करना उचित नहीं है। बता दे कि सरकार द्वारा दूसरे राज्य में से भी शराब पीकर राज्य में आने पर रोक लगाई गई है, जिसके खिलाफ जनहित याचिका दर्ज की गई थी। इस याचिका में सवाल पूछे गए थे कि शराब पर प्रतिबंध लगाने के पीछे क्या कारण है? क्या कानून में कहीं इस बारे में लिखा है?याचिकाकर्ताओं ने कहा कि कानून में कहीं भी शराबबंदी के नियम का उद्देश्य नहीं बताया गया है। 
हालांकि इसके जवाब में एडवोकेट जनरल ने बताया कि इन सभी नियमों का हेतु लोगों की आरोग्य की सुरक्षा करना था। इसके अलावा गांधीजी के गुजरात में गांधीजी के मूल्यों और आदर्शों को स्थापित करने के लिए भी सरकार काफी कटिबद्ध है। इस बारे में निजता के अधिकार के अनुसार, पीआईएल दर्ज कारवाई है। जिस पर अंतिम सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी।
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