गुजरात : राशनकार्ड धारकों के लिए बड़ी खबर, 31 अगस्त तक करना है ये काम नहीं तो ब्लाक हो जायेगा कार्ड
By Loktej
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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीबों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया जाता है। हालांकि, छह महीने से अधिक समय से नहीं लिए गए राशन कार्डों को अब ब्लॉक कर दिया गया है। राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग ने ऐसे राशन कार्डों को मूक श्रेणी में रखा है। अब इन राशन कार्ड धारकों को ई-सत्यापन कराना होगा अन्यथा उन्हें गैर-एनएफएससी श्रेणी में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। पूरे गुजरात में दो लाख से अधिक राशन कार्ड अवरुद्ध कर दिए गए हैं।
आपको बता दें कि कोरोना काल में लॉकडाउन के समय गरीबों को नि:शुल्क खाद्यान्न के रूप में चना, गेहूं, चावल सहित अनाज उचित मूल्य की दुकानों से वितरित किया जा रहा है। एक ओर सरकार नि:शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है जबकि बहुत से लोग नि:शुल्क खाद्यान्न लेने नहीं आ रहे है। अब राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने उन राशन कार्ड धारकों का पता लगाया है जिन्हें पिछले छह महीने से मुफ्त अनाज नहीं मिल रहा है। अब सवाल यह उठता है कि गरीब मुफ्त का खाना लेने को तैयार क्यों नहीं हैं। दो लाख से ज्यादा राशन कार्डधारक खाद्यान्न खरीदने क्यों नहीं आते, ये बहुत बड़ा प्रश्न है।
ऐसे में राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने सभी कलेक्टरों और जिला आपूर्ति अधिकारियों को 31 अगस्त तक ऐसे राशन कार्ड धारकों के कार्डों का सत्यापन करने के निर्देश दिए हैं। यदि ई-सत्यापन नहीं किया जाता है, तो राशन कार्ड को गैर-एनएफएससी की श्रेणी में रखा जाएगा। वर्तमान में प्रदेश में जिन कार्डधारकों को छह माह से अधिक समय से खाद्यान्न नहीं मिला है, उनके राशन कार्ड विकलांगों की सूची में डाल दिये गये हैं।
हालांकि इस बारे में कांग्रेस का कहना है कि राशन कार्ड होने के बावजूद 3 लाख गुजराती परिवारों ने मुफ्त अनाज नहीं लेकर अपनी खुद्दारी दिखाई है।