गुजरात : रिश्वत तो रिश्वत है, छोटी हो या बड़ी; 200 रुपये लेते अधिकारी धरा गया!

गुजरात : रिश्वत तो रिश्वत है, छोटी हो या बड़ी; 200 रुपये लेते अधिकारी धरा गया!

जाती प्रमाणपत्र बनवाने के लिए लेते थे रिश्वत, एसीबी द्वारा बिछाया गया जाल

सरकारी कर्मचारियों रिश्वत लेने की बात मानो आम हो गई है। छोटी से छोटी बातों के लिए रिश्वत मांगना मानो सरकारी कर्मचारियों के लिए आम बात हो गई है। ऐसा ही एक मामला गुजरात के पंचमहल से सामने आया है। जहां एक मामलतदार कचहरी में काम करने वाले कर्मचारी ने जाती का प्रमाणपत्र बनाने के लिए आने वाले आवेदनकर्ताओं के पास से रिश्वत लेते हुये धरे गए। 
विस्तृत जानकारी के अनुसार, जंबुघोड़ा की मामलतदार कचहरी में डिजास्टर मैनेजमेंट में काम करने वाले नवीनभाई राठवा के पास फिलहाल एटीवीटी विभाग का एक्स्ट्रा चार्ज भी था। ऐसे में नए शैक्षणिक सत्र का प्रारंभ होने के बाद छात्रों को जाती का प्रमाणपत्र देने की जरूरत पड़ी थी। हालांकि कोरोना के समय में जनसेवा केंद्र बंद होने के कारण अभिभावकों के जाती के प्रमाणपत्र लेने में काफी दिक्कतें हुई थी। पर स्कूल खुलने पर स्कूलों में यह प्रमाणपत्र जमा करवाना पड़ रहा था। 
ऐसे में मामलतदार कचहरी में आने वाले आवेदकों के पास से राठवा साहब सरकारी फीस के अलावा 100 से 500 रुपए तक की रिश्वत लेते थे। जिसकी शिकायत की गई थी। 
ऐसे में एसीबी की टीम द्वारा एक नकली आवेदक बनाकर राठवा साहब के लिए एक जाल बिछाया गया था। जिसमें वह रंगे हाथों 200 रुपए की रिश्वत लेते हुये पकड़े गए थे। उल्लेखनीय है कि मामलतदार कचहरी में काम करने के लिए नागरिकों को एजंटो के पास जाना पड़ता है। ऐसे में एसीबी कि इस ट्रेप के बाद मामलतदार कचहरी का कार्य भी सुधरेगा ऐसी लोगों में आशा जन्मी है।