पिता को बचाने बेटे को लेनी पड़ी लोन, अब पूरी सैलेरी से किश्तें चुका रहा!

पिता को बचाने बेटे को लेनी पड़ी लोन, अब पूरी सैलेरी से किश्तें चुका रहा!

गांधीनगर की दो अस्पतालों में 40 दिन तक करवाया इलाज, सरकार को की यह अपील

कोरोना महामारी में हजारों परिवारों की हालत बिगड़ चुकी थी। कई परिवार ने अपने स्वजन खोये। कई लोग अस्पतालों में लाखो रुपए खर्च करने के बाद भी अपने परिजनों को बचाने में असमर्थ रहे। इसके बाद इन सभी खर्च को करने के लिए हर जगह से ली गई लोन और उसकी ईएमआई ने मध्यम और गरीब वर्ग परिवार की कमर तोड़ डाली है। महामारी के इस कठिन समय में कई परिवार ऐसे सामने आए, इनकी जिंदगी भर की कमाई अपने परिजनों को बचाने में डूब गई। लोगों ने अपने परिजनों को बचाने के लिए जमीन, जायदाद जो कुछ भी उनके पास था सब कुछ बेच डाला। पर फिर भी वह अपने परिजनों को नहीं बचा पाये। 
कोरोना महामारी में कई परिवार ऐसे थे, जिन्होंने अपने परिजनों को बचाने के लिए बैंको से लोन ली हो। ऐसे ही एक युवक की आज हम बात करने जा रहे है, जिसने अपने पिता को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए पर फिर भी वह उन्हें बचा नहीं सका। गांधीनगर के राजन भलाणी आज भी जब अपने पिता की तस्वीर देखते है तो उनकी आंखो में से आँसू आ जाते है। राजन के पिता की मौत कोरोना के कारण हुई थी। 40 दिन तक राजन के पिता को गांधीनगर की दो अस्पतालों में इलाज करवाया गया। पर फिर भी उनके पिता नहीं बचे। 
पिता के इलाज के बाद जब अस्पताल वालों ने राजन को बिल दिया। उसे देखकर राजन के पैरों तले की जमीन खिसक गई। अस्पताल ने वेंटिलेटर के लिए हर दिन 50 हजार रुपए का चार्ज लगाया था। जबकि इंजेक्शन और दवा के नाम पर 75000 का बिल बन रहा था। कुल मिलाकर अस्पताल का बिल आया था 18 लाख रुपए का बिल और इसके अलावा अन्य दवाओं का खर्च आया भी 15 लाख रुपए जितना हो गया था। 
राजन भलाणी ने बताया कि हर दिन अस्पताल वाले उन्हें बिल देते रहते थे। इंजेक्शन, ब्लड प्लासमा और हर तरह की अन्य जरूरतों को राजन ने अपने पिता को बचाने के लिए पूर्ण किया। इन सबके लिए राज ने अपने अकाउंट पर ओवरड्राफ्ट से 35 लाख रुपए की लोन ली थी। आज हालात ऐसे है की राजन का जो भी पगार आता है वह पूरा का पूरा बैंक की किश्त में चला जाता है। इस बारे में बोलते हुये राजन कहते है कि सरकार को ऐसी कोई पॉलिसी बनानी चाहिए, जिससे कि अस्पताल वाले किसी भी मरीज से इस तरह भारी फीस न वसूल सके।