कच्छ का यह परिवार हर दिन बनाता है कुत्तों के लिए रोटियाँ, जाने क्या है कारण

कच्छ का यह परिवार हर दिन बनाता है कुत्तों के लिए रोटियाँ, जाने क्या है कारण

वनरक्षक से पद पर से निवृत हुये जशाभाई पत्नी रामईबेन के साथ करते है अपने पेंशन के पैसों से कुत्तों की सेवा

माना जाता है की कुत्ते मनुष्य के सबसे अच्छे दोस्त होते है। हालांकि अधिकतर किस्सों में हम मात्र कुत्तों की वफादारी की कहानियाँ ही सुनते है। हालांकि आज हम जो कहानी बताने जा रहे है, वह कुछ अलग है। आज हम बात करने जा रहे है कच्चा के एक ऐसे परिवार की जो लगभग पिछले 15 सालों से अपने आसपास आए कुत्तों की सेवा कर रहा है। कच्छ के मांडवी तालुका के कठड़ा गांव का चरण परिवार पिछले डेढ़ दशक से कुत्तों की सेवा कर रहा है। वह भी सामान्य तौर पर नहीं, यह पूरा परिवार पिछले 15 सालों से अपने आसपास रहने वाले सभी कुत्तों को हर दिन सुबह शाम खाना खिलाकर उनकी क्षुधापूर्ति करता है। इसके चारण परिवार की महिला सुबह 9 से दोपहर के 2 बजे तक हर दिन 200 रोटी तैयार करती है। 
हर दिन के 200 रोटी के अलावा वह रोजाना 6 किलो रबड़ी भी बनाती है। हर स्थिति में वह हर दिन कुत्तों को खाना खिलाती है, चाहे शर्दी हो या बारिश। यह परिवार सभी कुत्तों को रोज खाना खिलाता है। इसके लिए उन्हें हर महीने 20,000 रुपये का खर्च भी आता है। बता दे की पर्यावरण प्रेमी रामईबेन चारण का पूरा परिवार इस सेवायज्ञ में शामिल है। रामईबेन के पति जशाभाई पहले वन रक्षक थे, जहां से सेवानिवृत्त होने के बाद वह अपनी पेंशन के पेयइसे इस्न श्वानों की सेवा में खर्च कर रहे हैं। रामईबेन और जशाबेन की बेटी सोनलबेन भी बतौर गार्ड वन विभाग में शामिल हो गई हैं। माता-पिता से प्रेरित होकर वह भी कुत्तों की सेवा करती है। इस बारे में बात करते हुये वह कहते है कि जशाभाई जब डेढ़ दशक पहले जंगल में काम कर रहे थे, इसी दौरान जंगल में एक कुतिया ने बच्चे को जन्म दिया था, पर उसे खिलाने की कोई सुविधा नहीं थी। उस समय वह घर से दो-चार अतिरिक्त रोटियां ले जाकर लेकर उन्हें खिलाते थे। जिसके बाद इस समूह में और भी कुत्ते शामिल हो गए।
आज लगभग 200 रोटियां उनके बेटे वलजीभाई, रामजीभाई और नवीनभाई के साथ बेटी सोनल पर कुत्ते को खिलाने के लिए जाती हैं। इसके अलावा शाम के समय कबूतरों को चना और किडियारू भी खिलाया जाता है। परिवार की आमदनी काफी कम होने के बावजूद पिछले 15 सालों से परिवार यह सेवा कार्य कर रहा है। 

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